किन क्षेत्रों में किया कोहरे का येलो अलर्ट जारी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों के ऊंचाई वाले भागों में आज बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम में यह बदलाव आने के आसार हैं। उधर, राज्य के चार स्थानों पर न्यूनतम तापमान माइनस में दर्ज किया गया है। बिलासपुर में हल्का कोहरा दर्ज किया गया है।
माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 23 नवंबर को चंबा, कांगड़ा, किन्नाैर, कुल्लू व लाहाैल-स्पीति जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है।वहीं अन्य भागों में आगामी सात दिनों तक माैसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। अगले 3 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उसके बाद अगले 2 दिनों तक राज्य के कुछ हिस्सों में लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होगी। शिमला में आज धूप खिली है। विभाग ने बिलासपुर और सुंदरनगर में सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में बीते 53 दिनों में सामान्य से 98 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। कई जिलों में सूखे जैसी स्थिति है। इस अवधि के दाैरान बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कुल्लू, सिरमाैर व सोलन जिले में बारिश हुई ही नहीं। जबकि कांगड़ा में सामान्य से 96, किन्नाैर 99, लाहाैल-स्पीति 99, मंडी 90, शिमला 99 व ऊना जिले में 65 फीसदी कम बारिश हुई।मंडी जिला प्रशासन बर्फबारी के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने समस्त विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्फबारी से पहले अपनी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्दियों के दौरान आपदा प्रबंधन के लिए हर विभाग एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
उनका मोबाइल नंबर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा किया जाए। बताया कि बर्फबारी के अलर्ट के दौरान संबंधित क्षेत्र का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य क्षेत्र को छोड़कर न जाए।उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसे स्थानों को चिह्नित करें, जहां बर्फबारी के दौरान अधिक सड़कें बंद होने की संभावना रहती है। वहां पर समय रहते जरूरी मशीनरी और ऑपरेटर तैनात किए जाएं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि सर्दियों के दौरान जिले में चौहारघाटी, सराजघाटी, शिकारी देवी, कमरूनाग क्षेत्र, रोहांडा, बरोट, पराशर, थुनाग, जंजैहली और गाड़ागुसैणी इत्यादि क्षेत्रों में अत्यधिक बर्फबारी की संभावना रहती है।
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