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कैसे फंसे बिजली बोर्ड के 80 करोड़ रुपये

                                                           कई विभागों-संस्थानों ने नहीं भरे बिल

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

 बिजली बोर्ड की आर्थिकी को बिगाड़ने में सरकारी विभाग और अन्य संस्थान भी पीछे नहीं हैं। समय पर बिजली बिल न जमा करवाने से जिला कांगड़ा और चंबा में बिजली बोर्ड का कई विभागों सहित अन्य संस्थानों और योजनाओं के पास 80 करोड़ का बिजली बिल बकाया है।

बिजली बोर्ड की इतनी बड़ी रकम फंस जाने से कई योजनाओं पर भी असर पड़ने लगा है। जानकारी के अनुसार कांगड़ा और चंबा जिलाें में सरकारी विभागों और अन्य संस्थानों ने 80.20 करोड़ का बिजली बिल जमा नहीं करवाया है। हर माह यह राशि बढ़ती जा रही है। जिसमें 39 करोड़ से अधिक का बिजली बिल जलशक्ति विभाग का बकाया है।इस 39 करोड़ में शाहनहर परियोजना का बिल भी साढ़े सात करोड़ से अधिक है। 

इसके अलावा अन्य 41 करोड़ रुपये अन्य विभागों और योजनाओं का है। वहीं उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला का भी 2.36 करोड़ का बिजली बिल लंबित चल रहा है।बिजली बिल को भरने के लिए समय-समय पर बोर्ड की ओर विभागों और संस्थानों को नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। बावजूद इसके कांगड़ा और चंबा में ही 80 करोड़ के बिजली बिल पेंडिंग पड़े हैं तो पूरे राज्य में पेंडिंग बिजली बिलों की राशि कई गुणा बढ़ जाएगी।अक्तूबर माह के अंत तक कांगड़ा और चंबा में घेरलू उपभोक्ताओं के 7.39 करोड़ के बिल पेंडिंग है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं के ये बिल देर सवेर आ जाते हैं। 


इसके अलावा व्यावसायिक संस्थानों से 6.57 करोड़, स्माल पावर के 80 लाख, मीडियम सप्लाई के 52 लाख, लार्ज सप्लाई के 10.65 करोड़, कृषि के 1.09 करोड़, स्ट्रीट लाइट के 5.89 करोड़, बल्क सप्लाई के 72 लाख, जलशक्ति विभाग के 39.96 करोड़ रुपये, एनडीएनससी के 5.90 करोड़ और अस्थायी मीटर के 71 लाख रुपये के बिजली बिल नहीं भरे गए हैं।कांगड़ा और चंबा में कई विभागों और संस्थानों के 80 करोड़ के बिजली बिल बकाया चल रहे हैं। जिनके लिए विभागों को बिजली बिल भरने के बार-बार नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि बिजली बिल समय पर जमा हो जाए तो बोर्ड कई काम कर सकता है।







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