दाम उम्दा पर 30 फीसदी तक घटा आलू का उत्पादन
ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट
जिले में आलू की फसल को खेतों से निकालने का काम शुरू हो गया है। किसानों को 3000 रुपये से 3600 रुपये प्रति क्विटंल आलू की फसल के दाम मिल रहे हैं, लेकिन पैदावार कम हुई है। किसानों के मुताबिक इस सीजन में आलू की फसल की पैदावार में 30 फीसदी तक गिरावट आई है।
इसका कारण भयंकर गर्मी पड़ने और बरसात के बाद सर्दी का मौसम देरी से आना बताया जा रहा है। खेतों में ही आलू की फसल का बीज बिजाई के बाद मिट्टी में खराब हो गया। पिछली बार भी किसानों को करीब 3000 रुपये प्रति क्विंटल दाम मिले थे।गेहूं और मक्की के बाद जिला ऊना में सबसे ज्यादा आलू की फसल तैयार हो रही है। इस फसल को किसानों के आर्थिक सुधार का एक बड़ा सहारा माना जाता है।
अगर इस फसल के दाम अच्छे मिल जाएं तो किसानों की पूरे वर्ष तक की भरपाई हो जाती है। इस बार दाम तो ठीक मिल रहे हैं लेकिन पैदावार में कमी से किसान निराश हैं। जिला के किसानों रविंद्र सैनी, अजय कुमार, देसराज, सुखविंद्र व अन्य ने कहा कि जिन किसानों ने आलू की फसल की बिजाई सितंबर के पहले हफ्ते में की थी, उन किसानों की आलू की फसल की पैदावार बहुत कम निकल रही है।
जिला में कई किसान ऐसे हैं, जिनके खेतों में एक कनाल से एक से दो क्विंटल आलू की फसल निकली है। जबकि, आमतौर पर एक कनाल में सात से आठ क्विंटल फसल निकलती है।कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान ने कहा कि जिला ऊना में आलू की पटाई शुरू है। कहा कि यह फसल सर्दी में शानदार तरीके से तैयार होती है। कहा कि इस बार कम पैदावार के पहलुओं पर गोर करें तो गर्मी का मौसम लंबा चला और बारिश भी उस समय हुई जब आवश्यकता नहीं थी। कहा कि मौसम के उतार चढ़ाव से फसल प्रभावित हो सकती है।
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