112 हैक्टेयर भूमि को तानाशाही फरमान के चलते पर्यटन विभाग के नाम दर्ज करवा दिया
पालमपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
यह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा प्रदेश की सुक्खू सरकार पर्यटन विभाग के 18 होटलों को तो संभाल नहीं पाई ओर कृषि विश्वविद्यालय परिसर में चले थे टूरिजम विलेज बनाने।
पूर्व विधायक ने कहा इस विषय को लेकर इतना भारी विरोध होने के बावजूद भी कृषि क्षेत्र में शिक्षा के इस पावन मन्दिर की 112 हैक्टेयर भूमि को तानाशाही फरमान के चलते पर्यटन विभाग के नाम दर्ज करवा दिया। पूर्व विधायक ने कहा जैसे ही यह मामला उनके ध्यान में लाया गया था तो सबसे पहले पालमपुर की समाज सेवा में समर्पित छ: स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ तत्कालीन कार्यकारी उप कुलपति महोदय से मिलकर आग्रह किया था कि इस सन्दर्भ में कृषि विश्वविद्यालय किसी प्रकार का कोई अनापति प्रमाण पत्र जारी न करे।
इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय के छात्र , शिक्षक , कर्मचारी , स्वयं सेवी संगठन , राजनैतिक दल इस निर्णय के खिलाफ सड़कों पर चिल्ला रहे थे लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी ओर तमाम जन भावनाओं को कुचल कर कार्यकारी बाईस चांसलर पर इतना दबाव पडा कि इन महाशय ने भी बोर्ड आफ मैनेजमेंट को विशवास में लिए बिना ही एन ओ सी जारी कर दिया । इस तरह कृषि विश्वविद्यालय के हक हकूकों के समर्थन में नारों ,चीखो , पुकारों का दफन करके सुक्खू सरकार ने धडल्ले से इस कृषि विश्वविद्यालय की लगभग तीन हजार कनाल ज़मीन का पर्यटन विभाग के नाम इन्तकाल कर दिया।
पिछले कल मान्य उच्च न्यायालय ने पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की 112 हैक्टेयर भूमि को पर्यटन विभाग के नाम हस्तांतरण को लेकर जो टिप्पणियां की है उस पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि वह ओर कृषि विश्वविद्यालय के समस्त शुभ चिन्तक इस टूरिजम विलेज के बिलकुल विरोधी नहीं है सिर्फ विरोध विश्वविद्यालय परिसर को लेकर है। अन्यथा यह टूरिजम विलेज पालमपुर में ही कहीं ओर बने उसका जमकर व डटकर समर्थन करेंगे।02 जनवरी 2024 को सबसे पहले कृषि विश्वविद्यालय के कार्यकारी उप कुलपति महोदय की सेवा में ज्ञापन प्रेषित करते हुए स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि साथ ही आग्रह किया कि अनापति प्रमाण पत्र जारी न किया जाए ।
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