आपदा के 16 महीने के बाद भी नहीं सुधरे तीर्थन घाटी के हालात
कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट
तीर्थन घाटी में 16 महीने पहले आई आपदा के बाद अभी तक हालात नहीं सुधर सके हैं। आपदा में घाटी के संपर्क मार्ग, पुल, पैदल रास्ते और कई भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे।
दूरदराज के गांवों को जोड़ने वाली अधिकतर सड़कों की स्थिति अभी भी खराब बनी हुई है। बंजार-बठाहड़ सड़क कई जगह क्षतिग्रस्त है, जिससे रोजाना वाहनों के गुजरते वक्त दुर्घटना होने का खतरा बना हुआ है।क्षेत्र की नगलाडी से शरची, गुशैणी से पेखड़ी, बरनागी से मशयार सहित अन्य कई सड़कें अभी भी खस्ताहालत में हैं। आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त हुए गहीधार पैदल पुल, मुगला पुल, जावल पुल, रांधीभागी पुल और चूलीछो पैदल पुल का पुनर्निर्माण कार्य भी अभी तक शुरू नहीं हो सका है।
हालांकि लोगों ने आने-जाने के लिए अस्थायीं पुलियां बनाई हैं, लेकिन ये लंबे समय के लिए असुरक्षित है।ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बने अधिकतर पैदल रास्ते भी खस्ताहाल हैं, जिससे स्थानीय लोगों और स्कूली विद्यार्थियों को रोजाना दिक्कतें पेश आ रही हैं। ग्राम पंचायत कंडीधार के उप प्रधान मोहिंद्र सिंह, वार्ड सदस्य जीत राम, धनी राम ठाकुर, पूर्व पंच भोले दत्त, नरेश कुमार, ज्ञान विष्ट, भियानी सिंह टिल्ली, भोलदेव, किशन चंद, ब्रिकम चंद, वेली राम, बलवीर और अनु बिष्ट ने कहा कि बाड़ीरोपा के बाद सड़क आधी टूट चुकी है।
पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से यहां कभी भी हादसा हो सकता है।एपीएमसी कुल्लू और लाहौल-स्पीति के अध्यक्ष राम सिंह मियां को भी अवगत करवाया गया है। उन्होंने समस्या का जल्द समाधान करने का आग्रह किया है। उधर, एसडीएम बंजार पंकज शर्मा ने कहा कि मामला ध्यान में आया है। जल्द ही इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को निर्देश जारी किए जाएंगे।
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