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कुल्लू जिले में करीब 13000 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल गेहूं की बिजाई रुकी

                                            मेघ न बरसने से खेत सूखे, जिले में रुकी गेहूं की बिजाई

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

 सूखे जैसे हालात के चलते कुल्लू जिले में करीब 13000 हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसल गेहूं की बिजाई रुक गई है। खेतों में नमी न होने के कारण किसान गेहूं की बिजाई नहीं कर पाए हैं। हालांकि, कृषि प्रसार केंद्रों में बीज की खेप आ चुकी है।

कृषि विभाग के इन कृषि प्रसार केंद्रों से बीज लेने के बाद किसान बिजाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं। कृषि विभाग एचपीडब्लयू 550 बीज किसानों को उपलब्ध करवा रहा है। किसान बीज तो खरीद रहे हैं, लेकिन सूखे जैसे हालात को देखकर बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। जिले में करीब 80 फीसदी किसान खेती के लिए बारिश पर निर्भर हैं। करीब 2500 हेक्टेयर में ही सिंचित क्षेत्र है, जबकि अन्य में किसानों को बारिश के सहारे की खेती करनी पड़ती है।


सितंबर और अक्तूबर में बारिश न होने से किसानों रबी फसल की चिंता सताने लगी है। इस बार गेहूं की बिजाई के लिए करीब एक महीना की देरी हुई है।फिलहाल बारिश न होना चिंता का विषय बना हुआ है। अगर 20 नवंबर तक बारिश होती है तो नुकसान की भरपाई हो जाएगी। अगर नवंबर के आखिरी सप्ताह तक बारिश नहीं होती है तो इसका असर गेहूं की पैदावार और मात्रा पर पड़ेगा।मक्की और राजमा की फसल को निकालने के बाद अक्तूबर के पहले सप्ताह में ही खेत खाली कर दिए थे। 15 अक्तूबर के बाद गेहूं की बिजाई करनी थी। नवंबर का पहला सप्ताह शुरू हो गया है, अभी तक बादल नहीं बरसे हैं।


ऐसे में पूरा शेड्यूल बिगड़ गया है।खराहल क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की सुविधा बेहद कम है। ऐसे में खेतों में अधिकतर किसान गेहूं की बिजाई करते हैं। अगर समय पर बारिश नहीं होती है तो इसका नुकसान किसानों को झेलना पड़ेगा। बारिश का न होना देव प्रकोप भी हो सकता है। देवताओं का भी सम्मान होना चाहिए।खरीफ की फसल इस बार सूखे जैसे हालात के चलते प्रभावित हुई है। अगस्त में कम बारिश होने से दालों की पैदावार में 30 फीसदी तक इस बार कमी आई है। अब रबी फसल पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। गेहूं की बिजाई के लिए किसानों को बारिश की जरूरत है।



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