निवेशकों को दी जाने वाली मंजूरी की संख्या में इजाफा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
दो साल में सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए धारा 118 के तहत 355 इकाइयों को मंजूरी दी है। इनमें 176 औद्योगिक, 126 पर्यटन, बाकी रियल एस्टेट, पनबिजली परियोजनाओं, शिक्षण, धार्मिक-चैरिटेबल और अन्य वाणिज्यिक संस्थाओं को खोलने से संबंधित हैं।
धारा 118 के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार ने सबसे अधिक स्वीकृतियां दी हैं। ऑनलाइन डैश बोर्ड की सुविधा शुरू करने के बाद निवेशकों को दी जाने वाली मंजूरी की संख्या में इजाफा हुआ है। यह धारा-118 हिमाचल प्रदेश मुजारियत और भूमि सुधार अधिनियम-1972 की है, जिसके तहत राज्य से बाहर के लोग यहां पर किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए जमीन ले सकते हैं।हिमाचल प्रदेश में उद्योग स्थापित करने या निवेश या अन्य वाणिज्यिक स्थापनाओं के लिए राज्य से बाहर के लोगों को जमीन खरीदने के लिए सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है।
बीते दो साल में राज्य में शिक्षण संस्थान खोलने के लिए दो आवेदनों को मंजूरी दी गई है। हाइड्रो प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए भी तीन आवेदन मंजूर किए गए हैं। धार्मिक और चैरिटेबल संस्थानों के 10 आवेदन सरकार ने मंजूर किए हैं। व्यावसायिक श्रेणी के तहत 3 अन्य प्रोजेक्टों को भी सरकार ने धारा 118 के तहत मंजूरी दी है। हिमाचल में होटल खोलने को लेकर सबसे अधिक आवेदन सरकार के पास आ रहे हैं। साहसिक गतिविधियां शुरू करने के लिए भी निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके अलावा तीन से पांच बिस्वे के रिहायशी भवन के लिए भी धारा 118 की अनुमति ली जा रही है।बीते दो साल में धारा 118 के तहत प्रदेश में 736 आवेदन मंजूर किए गए हैं। इनमें 355 निवेश संबंधी या व्यावसायिक जबकि 381 घरेलू श्रेणी के लिए अनुमति दी गई है।
धारा 118 के तहत कोई भी आवेदन लंबित नहीं है।हिमाचल प्रदेश में लोग रियल एस्टेट में निवेश को भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। बीते दो सालों में रियल एस्टेट के 34 प्रोजेक्टों को सरकार ने धारा 118 के तहत मंजूरी दी है। हिमाचल की स्वच्छ आबोहवा लोगों को यहां रहने के लिए आकर्षित कर रही है। यही कारण है कि बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां हिमाचल में अपना विस्तार कर रही हैं।प्रदेश सरकार ने दो साल में 736 आवेदनों में से रिहायशी मकानों के 381 मामलों को भी धारा 118 के तहत अनुमति दी है। रिहायशी मकान बनाने के लिए धारा-118 के तहत ऐसे व्यक्ति को अनुमति दी जाती है, जो 30 साल से हिमाचल में रह रहा हो।
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