वीसी के चयन पर 22 को मंथन, 22 नाम शार्टलिस्ट
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) शिमला में दो साल सात महीने बाद नियमित कुलपति की नियुक्ति की कवायद शुरू हो गई है। 22 अक्तूबर काे मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी चंडीगढ़ में कुलपति के चयन को लेकर मंथन करेगी।
कुलपति पद के लिए प्रदेश सहित अन्य राज्यों से सौ से अधिक शिक्षाविदों ने आवेदन किए थे। इनमें से छंटनी के बाद 22 नाम शार्टलिस्ट किए गए हैं। मार्च 2022 से एचपीयू के कुलपति का सीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। राज्यसभा सांसद बनने के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
मार्च 2022 से एचपीयू में नियमित कुलपति नहीं है।कुलपति की नियुक्ति के लिए राजभवन की ओर से सर्च कमेटी गठित की गई है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में गठित सर्च कमेटी में दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह और गोरखपुर से पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार दुबे सदस्य बनाए गए हैं। राज्यपाल के सचिव सदस्य सचिव बनाए गए हैं।
कुलपति पद के लिए आवेदन करने के लिए कम से कम दस साल तक उच्च शिक्षण संस्थान में बतौर प्रोफेसर सेवाएं देने वालों, प्रोफेसर स्तर के पद पर बतौर डीन, विभागाध्यक्ष या यूनिवर्सिटी में निदेशक स्तर के पद पर पांच साल का प्रशासनिक सेवाएं देने का अनुभव अनिवार्य किया गया था। 31 दिसंबर 2023 तक सर्च कमेटी ने आवेदन आमंत्रित किए थे। कुछ माह पहले हुई सर्च कमेटी की पहली बैठक में आवेदनों की छंटनी के बाद करीब 22 नाम शार्टलिस्ट किए गए।
अब 22 अक्तूबर को होने वाली बैठक में इन नामों पर चर्चा कर राजभवन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल की मंजूरी के बाद कुलपति का नाम तय होगा।राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बीते दिनों कुलपति चयन में देरी को लेकर अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं। राज्यपाल ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि कमेटी का गठन करने के कई माह बाद भी बैठक आयोजित नहीं होना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि कुलाधिपति होने के नाते मुझे भी विश्वविद्यालयों की पूरी चिंता है।
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