हिमाचल में आसान होगा राजस्व रिकॉर्ड
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश सरकार मुगलकाल के राजस्व रिकॉर्ड की शब्दावली में बदलाव करने जा रही है। ततीमा, जमाबंदी, मोमी को साधारण शब्दों में दर्ज किया जाएगा।
यही नहीं इनमें हिन्दी के कठिन शब्दों को भी हटाया जाना है। इसके स्थान पर सरल भाषा को इस्तेमाल किया जाना है।राजस्व विभाग में इन दिनों इसको लेकर खूब कसरत की जा रही है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कठिन शब्दों को हटाने को कहा है।
जब तक यह व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक विभाग को उर्दू और फारसी जानकारों को जिलों में तैनात करने को कहा है, ताकि लोग इनके पास जाकर इन शब्दों के अर्थ को समझ सके। पुरानी जमाबंदी में ऐसे कई शब्द है जिन्हें पटवारी कानूनगो तक को पता नहीं है।हिमाचल में ऐसे कई परिवार है जिनकी जमीन की विरासत आगे से आगे चली गई है। जमाबंदी और राजस्व रिकार्ड सालों पुराना है, ऐसे में परिवार के लोगों का जमीनी सेटलमेंट करने में अड़चनें पेश आ रही है।
कई परिवारों में इसको लेकर झगड़े तक पड़े हैं। राजस्व नेगी के पास भी इसको लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं। ऐसे में सरकार ने विभाग को निर्देश दिए हैं कि उर्दू और फारसी जानकारों से मिलकर शब्दों को पता करें और उसके बाद राजस्व रिकार्ड को दुरुस्त कराए।सबसे ज्यादा दिक्कतें जिला कांगड़ा, किन्नौर, हमीरपुर शिमला व जहां पूर्व में राजाओं का राज रहा है, उसमें दिक्कतें पेश आ रही है।
सरकार का मानना है कि रिकार्ड में शब्दों को सरल भाषा में किए जाने से जहां लोगों की परेशानी खत्म होगी वहीं, राजस्व विभाग के कर्मचारियों को भी लोगों को रिकार्ड उपलब्ध कराने में आसानी होगी। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि कई उर्दू के शब्द समझ भी आते हैं। उन शब्दों को नहीं हटाया जाएगा लेकिन कई ऐसे है जिनका पता नहीं चलता है। उन्हें हटाने की जरूरत है। यही नहीं हिंदी के कई शब्द भी कठिन हैं। उन्हें भी बदलने की जरूरत है। ऐसे में राजस्व विभाग को इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं।
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