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व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा, पौंग सेंक्चुरी एरिया से बाहर होगा साढ़े सात स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र

                                             साथ ही इसमें 6.8 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र को जोड़ा भी जाएगा

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

पौंग एरिया में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए झील के साढ़े सात स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र को सेंक्चुरी एरिया से बाहर किया जाएगा। इसके लिए जिला पर्यटन विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।

 पौंग बांध के सेंक्चुरी एरिया से बाहर होने वाला क्षेत्र पानी से घिरा हुआ नहीं है और इन क्षेत्रों में पहुंचने के लिए सड़क मार्ग की सुविधा उपलब्ध है। इतना ही नहीं, सेंक्चुरी एरिया से साढ़े सात स्क्वेयर किलोमीटर एरिया को बाहर निकालने के साथ ही इसमें 6.8 स्क्वेयर किलोमीटर क्षेत्र को जोड़ा भी जाएगा, जो कि विभाग की ओर से चिह्नित किया जा रहा है। जोड़े जाने वाले क्षेत्र में पानी से घिरे क्षेत्र को चिह्नित किया जाएगा।

केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत पौंग डैम झील के किनारे क्षेत्रों को पर्यटन के तौर पर विकसित करने की योजना है। पौंग झील के किनारे स्थित नगरोटा सूरियां, खटियाड़, डाडासीबा के पास नंगल चौक और चटवाल को पर्यटन के लिए विकसित करने का प्रस्ताव है। इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाना आसान काम नहीं है, क्योंकि पौंग बांध पर्यावरण की दृष्टि से काफी संवेदनशील क्षेत्र है। यहां पर किसी भी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां चलाने पर रोक है। पौंग झील का लगभग पूरा क्षेत्र पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य के अंतर्गत आता है और झील में किसी भी व्यावसायिक गतिविधि की अनुमति नहीं है।

ऐसे में क्षेत्र में इन गतिविधियों को शुरू करने के लिए सेंक्चुरी एरिया से कुछ क्षेत्र को बाहर निकालने की योजना पर काम किया जा रहा है जिसके लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके तहत नंगल के क्षेत्र में 3.5 स्क्वेयर किलोमीटर और मतियाल के चार स्क्वेयर किलोमीटर एरिया को पौंग बांध वन्यजीव अभयारण्य से बाहर निकालने को लेकर प्रक्रिया को आरंभ कर दिया हैै। इन क्षेत्रों के सेंक्चुरी एरिया से बाहर होने के बाद यहां पर व्यवसायिक गतिविधियों को शुरू कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।





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