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आखिर क्यों वन्दे भारत को देनी पड़ी सुरक्षा ?

                                                         टूटे शीशों को टेप लगाकर किया गया बंद

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

वंदे भारत ट्रेन पर ऊना में लगातार दो दिन हुए पथराव के बाद सोमवार को आरपीएफ और जीआरपी की कड़ी सुरक्षा के बीच ट्रेन की आवाजाही हुई। इस दौरान ट्रेन में करीब 10 आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात रहे।

 हालांकि, सोमवार को किसी प्रकार की पत्थरबाजी नहीं हुई। जिन खिड़कियों के शीशे टूट गए थे, उन्हें टेप लगातार बंद किया गया है। ट्रेन पर पत्थर फेंकने वाले आरोपियों को अभी तक कोई सुराग जीआरपी के हाथ नहीं लगा है।जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ से करीब छह आरपीएफ जवान सुरक्षा के लिहाज से सोमवार को वंदे भारत ट्रेन में सवार हुए।

नंगल और ऊना से भी दो आरपीएफ और ऊना से दो जीआरपी जवान ट्रेन में सवार हुए। इस दौरान संदिग्ध स्थानों पर पैनी नजर रखी गई। गौरतलब है कि ऊना में शनिवार और रविवार को अलग-अलग जगह पर वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी हुई। हालांकि, इस पथराव के दौरान ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं पहुंचा। लेकिन ट्रेन के कई शीशे क्षतिग्रस्त हुए। शनिवार को जिला मुख्यालय के निकट स्थित गांव बसाल में ट्रेन की चार बोगियों पर पत्थर मारे गए।

जबकि रविवार को अंब में ट्रेन की दो बोगियों को निशाना बनाया गया। रेलवे ने जिला ऊना के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सहयोग मांगा है।रेलवे पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एफआईआर दर्ज कर ट्रैक के आसपास रहने वाले प्रवासी श्रमिकों से पूछताछ की। इसके अलावा संदिग्ध स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की गई है। अभी तक आरोपियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। पुलिस चौकी के कार्यकारी प्रभारी मोहिंदर सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है। साजिश रही या किसी शरारती तत्व का काम है, इसके बारे अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।





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