वर्ष के अधिकांश महीने वे रहते है अमेरिका में
चम्बा,ब्यूरो रिपोर्ट
अमेरिका से रामलीला के मंचन के लिए परमेश पुरी चंबा पहुंच गए हैं। बेटे समेत उनका परिवार अमेरिका में रहता है। चंबा शहर में भी उनका घर है।
वर्ष के अधिकांश महीने वे अमेरिका में रहते हैं। श्री राम के प्रति उनकी आस्था उन्हें वापस रामलीला मंचन के लिए लेकर लौटी है। 1974 के बाद से वे निरंतर रामलीला का मंचन कर रहे हैं। वे नए कलाकारों को प्लेटफार्म देते हैं। इस बार उन्होंने परशुराम और केवट के किरदार को मंच पर जीवंत किया।
अब वे रामलीला का निर्देशन कर रहे हैं। परमेश ने 14 वर्ष तक श्रीराम का किरदार अदा किया। श्रीराम की वेशभूषा में जब कोई दादा की उम्र का व्यक्ति पांव छूता था तो मैं श्रीराम से प्रार्थना करता था कि उन्हें जो भी आशीर्वाद श्रीराम के रूप में दे रहा हूं वो सार्थक हो।
आज सोशल मीडिया के जमाने में भी श्रीराम के प्रति सच्ची श्रद्धा अच्छा संकेत है।पुत्र प्राप्ति की लालसा को लेकर वर्ष 1949 में लाला संसार चंद महाजन ने चंबा में राम लीला क्लब की स्थापना की। साथ ही रामलीला को नाट्य रूपांतरण भी आरंभ करवाया। बकौल परमेश पुरी उनके पिता मुनी लाल पुरी रामलीला में हनुमान और दशरथ का किरदार जबकि चाचा मदन लाल पुरी विश्वामित्र और मेघनाद का किरदार निभाते रहे।
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