गगल एयरपोर्ट पर विशेष विमानों से पहुंचे थे एनएसजी
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
आतंकी घटनाओं से निपटने और लोगों को आतंकियों के चंगुल से बचाने के लिए धर्मशाला-मैक्लोडगंज के मुख्य स्थानों पर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने ‘गांडीव’ अभ्यास किया।
इसमें मैक्लोडगंज स्थित नामग्याल मोनेस्ट्री, धर्मकोट के ख्वादा हाउस, रेडिसन ब्लू रिजॉर्ट और एचपीसीसए क्रिकेट स्टेडियम में रविवार पूरी रात यह अभ्यास चलता रहा। अलग-अलग समय पर इस मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। एनएसजी के कमांडो देर रात गगल एयरपोर्ट पर विशेष विमानों से पहुंचे थे।इसके बाद कमांडो चिह्नित स्थानों पर पहुंचे और मोर्चा संभाला।
इस अभ्यास के दौरान कांगड़ा पुलिस ने भी बाहरी स्थिति को संभालने का जिम्मा संभाला। रविवार से शुरू हुआ अभ्यास सोमवार सुबह तक जारी रहा। अभ्यास के उपरांत डी ब्रीफिंग सत्र का आयोजन किया गया। एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मॉकड्रिल सफलतापूर्वक आयोजित की गई है। एनएसजी की ओर से जो सुझाव और चुनौतियों के बारे में सरकार और उच्चाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।
जिसमें उन्होंने कई तरह की चुनौतियों का सामना किया है और अनुभव हासिल किया है। एनएसजी ने इस तरह की परिस्थितियों में विशेष एसओपी तैयार करने और पुलिस जवानों को विशेष प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया।धर्मशाला-मैक्लोडगंज में एनएसजी, पुलिस, स्थानीय प्रशासन और अन्य जांच एजेंसियों के संयुक्त तत्वावधान में आतंकी घटनाओं से निपटने और राहत-बचाव कार्य को लेकर अभ्यास किया गया। इसमें आयुर्वेदिक अस्पताल और गांधी वाटिका चौक पर बम ब्लास्ट की स्थिति के दौरान घायलों को उपचार संबंधी बचाव कार्य को लेकर अभ्यास किया गया।
वहीं, रात के समय आतंकियों की ओर से क्षेत्र के मुख्य स्थानों पर कब्जा करने और लोगों को बंदी बनाने के दौरान स्थिति से निपटने के लिए मॉकड्रिल की गई। डी ब्रीफिंग सत्र में इस अभ्यास के गुण और दोष पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। हिमाचल में पर्यटकों की संख्या अधिक होने के कारण राज्य को विशेष एसओपी तैयार करने पर बल दिया। एनएसजी अधिकारियों ने बताया कि किसी पहाड़ी राज्य में इस तरह की मॉक ड्रिल का पहला अनुभव है।
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