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आखिर क्यों आये सरकारी आवास को लेकर ब्यूरोक्रेट्स-टेक्नोक्रेट्स आमने-सामने

                                             जिला प्रशासन के इस कदम को तानाशाहीपूर्ण रवैया करार 

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

जलशक्ति विभाग के इंजीनियर और आईएएस अधिकारी स्मार्ट सिटी धर्मशाला में सरकारी आवास को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। इंजीनियर एसोसिएशन ने जिला प्रशासन के इस कदम को तानाशाहीपूर्ण रवैया करार दिया है। 

एसोसिएशन ने प्रशासन को चेताया है कि वह किसी भी सूरत में इस तरह के फैसलों का समर्थन नहीं करते हैं। जरूरत पड़ी तो इस मामले में लोक निर्माण विभाग और बिजली बोर्ड इंजीनियर एसोसिएशन की भी मदद ली जाएगी। राज्य कार्यकारिणी में चर्चा के बाद न्यायालय का रुख भी किया जाएगा।

 दरअसल धर्मशाला से परिधि गृह रोड पर जलशक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता का सरकारी आवास है।  एसोसिएशन ने दावा किया है कि यह सरकारी आवास जलशक्ति विभाग के नाम है।करीब 32 सालों से विभाग के अधीक्षण अभियंता इस आवास में रहते आए हैं। बीते सप्ताह 30 सितंबर को अधीक्षण अभियंता आरके चौधरी विभाग से सेवानिवृत्त हुए हैं। 

नियमों के अनुसार वह करीब चार माह तक इस आवास को रख सकते हैं, लेकिन इस बीच प्रशासन ने नोटिस भेज आवास खाली करने को कहा।प्रशासन का कहना है कि वह आवास को एक नगर निगम धर्मशाला में सेवारत आईएएस अधिकारी को जून में आवंटित कर चुके हैं। 

आवास खाली न करने पर प्रशासन ने जलशक्ति विभाग को कारण बताओ नोटिस भी दिया है। साथ ही 2.06 लाख का पेनल रेंट का नोटिस दिया। प्रशासन ने पुलिस अधीक्षक को भी इस आवास को खाली करवाने के निर्देश दिए हैं। नोटिस के बाद इंजीनियर एसोसिएशन भड़क उठी है। इस मामले में जिला के प्रशासनिक अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया।




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