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नशे को दूर करने और प्रदेश को बचाने के लिए लगातार सरकार प्रयासरत

                                             हिमाचल के नशा मुक्ति केंद्रों से 3,500 युवा हुए ठीक

शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रदेशभर में स्वास्थ्य महकमा नशा मुक्त हिमाचल बनाने में जुटा हुआ है। पिछले एक साल में सरकारी स्तर पर खोले गए नशा मुक्ति केंद्रों में करीब 3,500 नशा करने वाले युवाओं से यह लत छुड़वाई गई है। इसमें 400 युवा सोलन से ही हैं।

खास बात यह है कि युवा बिना किसी दवाई से नशे की लत से दूर हो गए। चिकित्सकों ने केवल योग और प्राणायाम की सहायता से नशे की लत को छुड़वा दिया है।विभाग ने सोलन में सबसे पहले इसका ट्रायल किया था। इसके बाद पूरे प्रदेश में योग और प्राणायाम की सहायता से युवाओं को नशा छुड़वाने का कार्य किया। इसके माध्यम से नशा छुड़वाने में भी काफी कम समय लग रहा है। योग और प्राणायाम से मात्र तीन महीने में नशे की लत से व्यक्ति काफी दूर हो जाता है।

हालांकि, यह कोर्स छह से आठ माह तक नियमित चलता रहता है। इस अवधि में जरूरी होने पर ही नशा छुड़वाने के लिए एलोपैथी दवाइयों की कम मात्रा दी जाती है।प्रदेश में लगातार नशा बढ़ता जा रहा है। सरकारी स्तर पर प्रदेशभर में करीब छह दर्जन नशा मुक्ति केंद्र सीएचसी और क्षेत्रीय अस्पतालों में सरकार ने खोले हैं। केंद्रों में यह देखा गया है कि अधिकतर युवक और युवतियां सिंथेटिक नशे की चपेट में आए हैं। कुछ गांजा और चरस जैसे नशे के आदी हो गए हैं।

 ऐसे में नया तरीका अपनाकर युवाओं को इससे दूर किया जा रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एके सिंह ने बताया कि जिले में नशा करने वाले युवाओं का इलाज योग पद्धति से किया जा रहा है। योग क्रियाओं और आसनों से नशा करने वाले युवाओं को ठीक किया जा रहा है। बाद में फोन और अन्य माध्यम से फॉलोअप भी लिया जाता है।नशे की गिरफ्त से दूर करने के लिए युवाओं को कुछ दिनों के लिए नए दिशा केंद्र में बुलाया जाता है। यहां पर योग के कई तरीके बताए जाते हैं। इसके बाद जो नशा करने वाले युवा लगातार तीन माह तक योग क्रियाएं करता है, उसका नशा तीन महीने में ही छूट जाता है।

जो अनियमित ढंग से योग करता है, उसकी नशे की लत छह से आठ माह में छूटती है।खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से आठ प्राणायाम नशे की लत छुड़ाने में मददगार हैं। इनमें भ्रस्त्रिका, कपालभाति, बाह्य, उज्जेयी, अग्निसार, अनोलोम-विलोम, भ्रामरी और उद्गीथ प्राणायाम शामिल हैं। युवाओं की स्थिति को देख कई आसन क्रियाएं करवाई जाती हैं। करीब एक घंटे तक यह प्रक्रिया चलती है। इससे धीरे-धीरे नशे की प्रवृति नशे करने वाले युवाओं से छूट जाती है और तीन माह में परिणाम आ जाता है। योग क्रियाओं को सोशल मीडिया में भी प्रसारित किया गया है।





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