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मैक्लोडगंज के डल झील से छोटे तालाब में डालीं गयी मछलियां

                                                      छोटे तालाब में डालीं डल झील की मछलियां

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

 मैक्लोडगंज के डल झील में हो रहे रिसाव के कारण मरने की कगार पर पहुंचीं मछलियों को प्रशासन ने मत्सय विभाग और लोगों के सहयोग से साथ बनाए छोटे तालाब में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है। बुधवार को सुबह मछलियों की झील से निकालने को अभियान शुरू किया गया। 

शाम तक मत्सय विभाग और लोगों ने झील के आधे से ज्यादा मछलियों को निकालकर छोटे तालाब में डाल दिया है। जबकि बाकी बची मछलियों को निकालने के लिए वीरवार को फिर से अभियान चलाया जाएगा।जानकारी के अनुसार करीब एक माह से डलझील में रिसाव शुरू हो गया था, लेकिन लगातार बारिश होने के चलते और जलशक्ति विभाग की ओर टैंक से पानी डालकर डल झील को भरा जा रहा था, लेकिन 11 सितंबर को डल झील में राधाष्टमी का स्नान होने के बाद इसकी ओर प्रशासन ने ध्यान देना छोड़ दिया था। 

इसके बाद इसमें लगातार रिसाव होने के कारण झील खाली होने लगी थी। एक सप्ताह पहले झील में कम पानी होने के चलते मछलियां मरने कगार पर पहुंचने लगी थी। वहीं, बारिश होने के बाद इन्हें थोड़ी राहत मिली थी। झील में आस्था रखने वाले लोगों को एक प्रतिनिधिमंडल भी सोमवार को एसडीएम से मिला था। इसके बाद प्रशासन ले मत्सय विभाग और लोगों के सहयोग से मछलियों को साथ बनाए तालाब में शिफ्ट करने का फैसला लिया था।धर्मशाला के एसडीएम संजीव भोट ने कहा कि बुधवार को मत्सय विभाग और स्थानीय लोगों के सहयोग से झील की आधी मछलियों को निकालकर साथ बनाए तालाब में डाला गया है। 

जबकि अन्य मछलियों को वीरवार को निकाला जाएगा। इसके साथ झील में पानी के स्त्रोत के साथ बनाए छोटे तालाब को दो जेसीबी की मदद से बड़ा किया जा रहा है।द्रुवेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष संजीव जसवाल ने कहा कि मछलियों को तालाब शिफ्ट करने के मत्सय विभाग के अलावा वन विभाग, टैक्सी यूनियन, व्यापार मंडल, होटल एसोसिएशन के सदस्य ने श्रमदान किया है। उन्होंने कहा कि अब विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बाद ही झील के रिसाव का स्थायी हल निकाला जाएगा।






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