लोगों में मचा हड़कंप, जांच की मांग
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
राजधानी की दूसरी सबसे बड़ी पेयजल परियोजना गिरि के पानी में तरल पदार्थ बहाने के बाद जिले के कई इलाकों के लिए इससे पानी की आपूर्ति बंद कर दी है। शिमला शहर की आपूर्ति पर भी इससे असर पड़ सकता है।
बताया जा रहा है कि पराला क्षेत्र के आसपास किसी प्रोसेसिंग प्लांट का तरल पदार्थ गिरि में बहाया गया है। इससे पानी सफेद और झाग वाला हो गया है।जल शक्ति विभाग ने पुलिस और जिला प्रशासन को भी इसकी शिकायत कर दी है। जांच के लिए वीरवार को टीमें मौके पर बुलाई हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार बुधवार दोपहर के समय अचानक गिरि खड्ड में पानी के साथ सफेद तरल पदार्थ भी बहता देखा गया। लोगों ने इसकी सूचना जल शक्ति विभाग को दी।
गिरि खड्ड से पानी ठियोग, मतियाना क्षेत्र के लिए लिफ्ट होता है। मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने जैसे ही तरल पदार्थ गिरि में बहते देखा तो तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना दी। विभाग ने पीने के लिए इस्तेमाल होने वाले इस पानी में सफेद तरल पदार्थ देखकर तुरंत इसकी आपूर्ति बंद करवा दी। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस को भी इसकी शिकायत दे दी है। अब जांच के बाद ही पता चलेगा कि पानी बहाया गया तरल पदार्थ क्या था। क्या यह सेहत के लिए घातक है या नहीं इसका भी जांच के बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि किसी भी तरह का केमिकल और अन्य पदार्थ खड्डों तथा नदियों में फेंकना अपराध की श्रेणी में आता है।
गिरि पेयजल परियोजना से शिमला शहर के लिए भी पानी की आपूर्ति होती है। इसमें जिस क्षेत्र में पानी में यह तरल पदार्थ देखा गया है, उससे चंद किलोमीटर आगे शिमला के लिए पानी की आपूर्ति देने के लिए पंपिंग स्टेशन बने हैं। हालांकि पेयजल कंपनी का कहना है कि अभी इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। क्लोरिनेशन के बाद ही पानी की आपूर्ति शिमला शहर के लिए दी जाती है। इसके अलावा पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। जल शक्ति विभाग ने पुलिस को पत्र लिख दिया है। कंपनी भी एहतियात के तौर पर इस बारे में जिला प्रशासन और पुलिस को सूचित करेगी।
कंपनी के कम्युनिकेशन एक्सपर्ट साहिल शर्मा का कहना है कि अभी गिरि पंपिंग स्टेशन पर पानी दूषित होने की सूचना नहीं है।गिरि पेयजल परियोजना के पानी में सफेद तरल पदार्थ बहने के वीडियो देखने के बाद शिमला शहर में भी हड़कंप मच गया है। लोगों ने पानी में छोड़े गए तरल पदार्थ की तुरंत जांच करने की मांग की है। हालांकि कम्पनी का कहना है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। वहीं, लोगों का कहना है कि इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यह लोगों की सेहत के लिए घातक भी साबित हो सकता है।
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