धर्मशाला के अंतर्गत प्रस्तावित पेट्रोल पंप एक बार फिर सुर्खियों में
काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट
स्मार्ट सिटी धर्मशाला के अंतर्गत प्रस्तावित पेट्रोल पंप एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। अधिकारी पेट्रोल पंप के लिए जमीन की तलाश में जुटे हैं। वन विभाग को भी इसके लिए क्लीयरेंस देने के लिए कहा गया है। वहीं, भाजपा विधायक ने इसको लेकर प्रशासन और अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं।
बता दें कि वन भूमि पर एक व्यक्ति की ओर से पेट्रोल पंप स्थापित किया जा रहा है। पेट्रोल पंप स्थापित करने वाला व्यक्ति प्रदेश सरकार में एक माननीय का करीबी बताया जा रहा है। धर्मशाला में एचआरटीसी बस अड्डे के समीप पेट्रोल पंप के लिए लंबे समय से जमीन तलाशी जा रही थी।हाल ही में एक अक्तूबर को एसडीएम कार्यालय धर्मशाला से डीएफओ धर्मशाला, तहसीलदार धर्मशाला, फील्ड कानूनगो और पटवारी के अलावा नगर निगम धर्मशाला के आयुक्त को संयुक्त निरीक्षण के निर्देश जारी किए गए थे।
इसके बाद अधिकारियों ने धर्मशाला बस अड्डे के आसपास कई जगहों का निरीक्षण किया। मगर निरीक्षण के दौरान सभी जगह वन विभाग की ही भूमि पाई गई।अब वन विभाग को यहां स्थापित होने वाले पेट्रोल पंप के लिए क्लीयरेंस देने के निर्देश जारी हुए हैं। खास बात यह है कि डेढ़ दशक से धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विवि के धौलाधार परिसर के लिए भूमि का मामला लटका हुआ है।
उधर, डीएफओ धर्मशाला दिनेश शर्मा ने इस मामले में कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं, एसडीएम धर्मशाला संजीव कुमार भोट ने पेट्रोल पंप स्थापित करने के मामले में कहा कि जांच के बाद ही इस मामले पर कुछ कहा जा सकता है।धर्मशाला में वन विभाग को निजी पेट्रोल पंप के लिए क्लीयरेंस देने के निर्देश जारी करने के मामले को लेकर भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने सवाल उठाए हैं।
सुधीर ने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट डाली है। इसमें उन्होंने लिखा है कि वन भूमि पर निजी पेट्रोल पंप लगाना सरकार की प्राथमिकता बन चुकी है। शिमला से फोन आता है कि मित्रों का पंप है। जिले के बाबू भाग-भाग कर कागज तैयार कर रहे हैं। जहां शहर में वन भूमि पर हुए अन्य निर्माणों पर कार्रवाई होती है, वहीं मित्रों के लिए नियम ताक पर हैं। विधायक द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट की भी काफी चर्चा हो रही है।
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