पैमाइश की ताजा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की संजौली मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के मामले की शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई।
निगम के कनिष्ठ अभियंता मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर की गई पैमाइश की ताजा रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। साथ ही इसकी एक प्रति वक्फ बोर्ड को दी गई। वहीं स्थानीय लोगों को इस मामले में पार्टी बनाए जाने को लेकर करीब डेढ़ घंट तक कोर्ट में बहस चली। हालांकि, स्थानीय लोगों को पार्टी बनाए जाने की याचिका नगर निगम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
एमसी कोर्ट ने फैसला दिया है कि मुस्लिम पक्ष दो महीने के अंदर मस्जिद की अवैध तीन मंजिलों को खुद तोड़ेगा। संजौली के स्थानीय लोगों ने पिछली सुनवाई में आयुक्त कोर्ट में इस मामले में पार्टी बनाए जाने को लेकर आवेदन किया था। लोगों का कहना था कि यह मामला पिछले 15 साल से नगर निगम कोर्ट में लटक रहा है। स्थानीय लोग इस मामले में पार्टी बनकर कुछ जरूरी तथ्य देना चाहते हैं, जिससे इस मामले पर फैसला लेना आसान होगा।
शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान करीब डेढ़ घंटे तक स्थानीय लोगों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। वहीं वक्फ बोर्ड की ओर से स्थानीय लोगों को इस मामले में पार्टी बनाए जाने का विरोध किया गया। नगर निगम ने भी अपना पक्ष रखा और इस मामले में संजौली के लोगों को तीसरी पार्टी के तौर पर शामिल नहीं करने का पक्ष रखा।
नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता ने कोर्ट में जो स्टेटस रिपोर्ट दी है उस पर भी वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी से सवाल-जवाब हुए । बता दें, 7 सितंबर को हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के भीतर हुए अवैध निर्माण को लेकर नगर निगम के अभियंता से रिपोर्ट मांगी थी। इनका कहना था कि निगम उन्हें बताए कि कुल कितना अवैध निर्माण हुआ है।
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