केंद्र ने गाइडलाइन में किया प्रावधान
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में 279 बस्तियां जल्द सड़क सुविधा से जुड़ेंगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चरण-4 के तहत इन्हें सड़कों से जोड़ा जाना है। इसमें कुछेक चरण-एक में छूटी सड़कों को भी शामिल किया जा रहा है।
चूंकि यह सड़कें निर्माण के दौरान लोगों की आपत्तियों के चलते अधर में लटकी है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी यह सड़कें गांव तक नहीं पहुंच पाई हैं। अब लोक निर्माण विभाग ने जिला प्रशासन और पंचायत के लोगों को विश्वास में लेते हुए इन सड़कों को बनाने का फैसला लिया है।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण-चार के तहत ही इन्हें सिरे चढ़ाया जाना है।
केंद्र सरकार 15 अक्तूबर को चरण-एक की अधूरी सड़कों को चरण-चार में शामिल किए जाने के दिशा-निर्देश जारी करेगा। पीएमजीएसवाई के पहले चरण में 500 आबादी वाले गांव सड़क से जोड़े गए थे। अब प्रदेश में 100, 200 और 250 आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ा जाना है। लोक निर्माण विभाग ने दावा किया है कि चरण-4 में जनजातीय क्षेत्रों के अधिक से अधिक बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ा जाना है।
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इन बस्तियों को सड़क से जोड़ने के लिए प्राथमिकता दी गई है। इसमें जिला कुल्लू, लाहौल स्पीति, किन्नौर, चंबा जिले के दूरदराज के गांव शामिल है। इन जिलों में अभी भी ऐसे दर्जनों गांव हैं, जहां खच्चरों या फिर पीठ पर सामान उठाकर घर पहुंचाया जा रहा है।लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र सिंह पॉल ने कहा कि चरण-4 शुरू होने जा रहा है। हिमाचल को उम्मीद है कि इसमें 3000 किलोमीटर सड़कें हिमाचल की स्वीकृत होंगी। विभाग की ओर से सर्वे के बाद इसकी डीपीआर तैयार की जाएगी। जनजातीय क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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