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आखिर क्यों खाली होने की कागार में है डल झील

                             दो सप्ताह से डलझील में हो रहे रिसाव से जहां लोगों को चिंता सताने लगी

धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रदेश के हजारों लोगों की आस्था केंद्र नड्डी की पवित्र डल झील एक बार फिर से रिसाव होने शुरू हो गया है। झील में लगातार हो रहे रिसाव के चलते लोगों को 11 सितंबर को होने वाले राधाष्टमी के शाही स्नान की भी चिंता सताने लगी है।

पिछले दो सप्ताह से डलझील में हो रहे रिसाव से जहां लोगों को चिंता सताने लगी है। वहीं, प्रशासन की ओर से जलशक्ति विभाग के टैंक से पानी छोड़ कर रिसाव की पूर्ति की जा रही है। इसके अलावा लगातार हो रही बारिश के चलते झील में पानी भर रहा है। अगर अगले एक सप्ताह बारिश नहीं होती है तो यह झील फिर से सूख सकती है।2017 से अब तक रिसाव रोकने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा चुके हैं और कई सरकारी एजेंसियां दम भी लगा चुकी है, लेकिन हासिल कुछ नहीं हो पा रहा है। रिसाव रोकने के लिए बाकायदा प्रशासन ने अध्ययन भी करवाया था कि किस स्थान पर रिसाव हो रहा है।

अध्ययन के बाद आए सुझावों पर कुछ कार्य भी हुआ, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। अब एक बार फिर डल झील में रिसाव शुरू हो गया है। इससे धार्मिक आस्था के इस केंद्र पर संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। इससे पहले 2017, 2019, 2020, 2022 और 2023 में भी झील में रिसाव हो चुका है। एक बार तो झील की मछलियों को भी नजदीकी खड्डों में छोड़ना पड़ा था। इसके बाद राजस्थान से बालू मिट्टी मंगवा कर रिसाव की जगह डाली गई थी।स्थानीय निवासी रमेश कुमार, सुरजीत कुमार, अशोक कुमार जरयाल और सुरेश कुमार का कहना है कि वर्षो पुरानी डल झील में रिसाव की समस्या वर्षों पहले शुरू हुई थी। बावजूद इसके रिसाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठे हैं। प्रशासन भी रिसाव रोकने के लिए लीपापोती कर इतिश्री कर लेता है। यही वजह रही है कि करोड़ों रुपये खर्च किए जाने के बाद भी लीकेज की समस्या जस की तस है।

अब 11 सितंबर को राधाष्टमी का स्नान है। इसके लिए प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है।जलशक्ति विभाग मंडल धर्मशाला के अधिशासी अभियंता सुमित कटोच ने कहा कि पिछले साल भी राजस्थान की बालू मिट्टी डालकर रिसाव रोका गया था। इस बार किसी बड़े संस्थान के सर्वे करवाया जाएगा। इसके बाद इस रिसाव का स्थायी हल निकाला जाएगा। तब तक डल झील खाली न हो इसमें टैंक से पानी भरा जा रहा है।द्रुवेश्वर महादेव डल झील के ट्रस्टी संजीव जसवाल ने कहा कि रिसाव का मामला उनके ध्यान मेें है। 11 सितंबर को शाही स्नान के बाद इसका स्थायी हल निकाला जाएगा। वहीं, पानी के रिसाव को रोकने का प्रयास किया गया है। सभी विभाग इस पर काम कर रहे हैं।





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