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विभिन्न साइट पर चार्जिंग स्टेशन तो स्थापित कर दिए लेकिन भूल गए कनेक्शन लेना

                                  चार्जिंग स्टेशनों का ढांचा खड़ा कर बिजली कनेक्शन लेना भूली कंपनी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने केंद्र सरकार ने करीब दो साल पहले हर राज्य में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना शुरू की थी। 

इसी के तहत धर्मशाला शहर के विभिन्न स्थानों पर 10 चार्जिंग प्वांइट बनाने के लिए राजस्थान की कंपनी को कार्यभार सौंपा था। राजस्थान की कंपनी ने धर्मशाला और मैक्लोडगंज की विभिन्न साइट पर चार्जिंग स्टेशन तो स्थापित कर दिए, लेकिन इन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली का कनेक्शन लेना भूल गई। जिसके चलते करीब डेढ़ साल से यह शहर के विभिन्न जगहों पर बने ये चार्जिंग स्टेशन शोपीस बनकर धूल फांक रहे है। वहीं कुछ की तो हालात भी खराब होने लगी है।

जानकारी के अनुसार केंद्र की ओर से धर्मशाला शहर में नगर निगम और स्मार्ट सिटी को स्थापित किए गए चार्जिंग स्टेशनों के लिए जगह देने के लिए आदेश जारी हुए थे। इसके बाद नगर निगम धर्मशाला में शहर के मैक्लोडगंज, भागसूनाग, क्रिकेट स्टेडियम के पास, सकोह और दाड़ी सहित 10 जगह चयनित करके दी थी। और कंपनी ने यहां पर छोटे और बड़े ई-वाहनों के लिए चार्जिंग प्वांइट स्थापित भी कर दिए। इसके बाद नगर निगम के माध्यम से कंपनी ने बिजली कनेक्शन के लिए बिजली बोर्ड से एस्टीमेंट मांग था। बिजली बोर्ड की ओर करीब 70 लाख रुपये का डिमांट नोटिस दिया गया। डिमांड नोटिस की राशि जमा न होने के बाद बिजली बोर्ड ने कनेक्शन नहीं लगाए थे।

बिजली बोर्ड मंडल धर्मशाला के अधिशासी अभियंता विकास ठाकुर ने बताया कि धर्मशाला शहर में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली का कनेक्शन के लिए 70 लाख रुपये का डिमांड नोटिस दिया गया था, लेकिन डिमांड नोटिस की पेमेंट न होने के चलते ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया है। कार्यालय में डिमांड नोटिस जमा करवाते ही ई-वाहन चार्जिंग स्टेशन में बिजली कनेक्शन दे दिया जाएगा।स्मार्ट सिटी धर्मशाला के एक्सईएन एचएल धीमान ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर जारी पत्र के तहत कंपनी को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए जगह देने के लिए कहा गया। इसके बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग प्वांइट के लिए कंपनी को जगह दे दी थी और बाकी का काम कंपनी का था।





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