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बरसात थमते ही रुके विकास कार्य पकड़ेंगे रफ्तार

                                                     बरसात थमते ही ब्यास का होगा तटीकरण

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिले में बरसात थमते ही रुके विकास कार्य रफ्तार पकड़ेंगे। ब्यास का तटीकरण कार्य भी शुरू हो जाएगा। जलशक्ति विभाग की ओर से इसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

जैसे ही बरसात थमेगी, काम शुरू कर दिया जाएगा। कुल्लू और मनाली उपमंडल में कई स्थानों पर ब्यास के किनारे तटीकरण का कार्य किया जाना है। शाढ़ाबाई से बजौरा तक ब्यास के दोनों किनारों, राफ्टिंग सेंटर पिरड़ी, गोसदन से एसटीपी लंकाबेकर, शास्त्रीनगर से एसटीपी बदाह, हाथीथान, 17 मील, पतलीकूहल, रायसन, संगम स्थल भुंतर, छुरुड़ू में बाढ़ नियंत्रण कार्य होना है।

प्रदेश सरकार ने जिले को राज्य आपदा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) फंड के तहत साल 2023-24 के लिए 24.8 करोड़ की पहली किस्त दे दी है।कुल्लू जिले के लिए कुल 82.76 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। बाढ़ नियंत्रण कार्य होने से बाढ़ का खतरा कम होगा। ब्यास में बाढ़ आने की स्थिति में ब्यास के किनारे रहने वाले लोगों की जान पर बन आती है। तटीकरण होने से खासकर आबादी वाले क्षेत्रों में नुकसान होने की आशंका कम हो जाएगी।बरसात रुकते ही तटीकरण का कार्य शुरू किया जाएगा। इसके लिए विभाग की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। 

इसके बाद कार्य गति पकड़ेंगे।ब्यास से अखाड़ा बाजार को बचाने के लिए नदी किनारे पार्किंग बनाई गई है। पार्किंग के लिए नदी किनारे लाखों खर्च कर नगर परिषद ने पक्की आरसीसी की दीवार लगाई है। नगर परिषद का यह मॉडल सबकी उम्मीदों पर खरा उतरा है। वर्ष 2023 में ब्यास नदी की बाढ़ भी इस दीवार को हिला नहीं पाई।बरसात के बीच इस बार ब्यास का रुख शांत बना हुआ है। मणिकर्ण घाटी के तहत आने वाले मलाणा में बादल फटने के बाद आई बाढ़ के बाद भले ही पार्वती नदी ने नुकसान किया था लेकिन मनाली के ऊपरी क्षेत्रों को छोड़कर अन्य जगहों पर ब्यास में बाढ़ से किसी तरह का नुकसान अभी तक नहीं हुआ है।





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