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बचत खाते से गलत तरीके से राशि काटने के मामले में बैंक जिम्मेदार

                                                       उपभोक्ता के हक में अपना फैसला सुनाया

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

 जिला उपभोक्ता फोरम ऊना के अध्यक्ष डीआर ठाकुर ने एक अहम फैसले में उपभोक्ता के बचत खाते से गलत तरीके से राशि काटने के मामले में बैंक को जिम्मेदार मानते हुए उपभोक्ता के हक में अपना फैसला सुनाया है।

बैंक को अवैध रूप से काटी गई राशि 751 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज सहित और 30,000 रुपये हर्जाना मानसिक परेशानी की एवज में और इसके अतिरिक्त 20,000 रुपये केस खर्च उपभोक्ता को 30 दिन के भीतर अदा करने होंगे। उपभोक्ता के अधिवक्ता विवेक सहजपाल ने बताया कि उनके क्लाइंट नीरज नाथ निवासी अंब ने एक निजी बैंक में अपना डीमेट खाता खुलवाया था।

 खाता खुलवाने के वक्त बैंक ने शिकायतकर्ता को यह विश्वास दिलाया था कि उसके खाते में से प्रति ट्रांजेक्शन ही चार्ज लिया जाएगा और उपभोक्ता को कोई भी मासिक और वार्षिक फीस चार्ज के रूप में नहीं काटी जाएगी। खाता खुलवाने के समय उपभोक्ता ने डीमेट अकाउंट को अपने बचत खाते से लिंक करने की भी कोई अनुमति प्रदान नहीं की थी, लेकिन कुछ समय के बाद जब उपभोक्ता ने अपने खाते की अकाउंट डिटेल जांची, तो पाया कि उसके खाते से 826 रुपये गलत तरीके से काटे गए थे। इसकी जानकारी उपभोक्ता ने बैंक को दी।बैंक ने यह विश्वास दिलाया कि काटी गई राशि वापस कर दी जाएगी, लेकिन जब काटी गई राशि वापस न की गई, तो उपभोक्ता को मजबूरन अपना खाता बैंक में बंद करवाना पड़ा।

 खाता बंद करने की बजाय बैंक ने उपभोक्ता को नोटिस भेज दिया। इसकी शिकायत बैंक से की गई, लेकिन बैंक की तरफ से कोई संतोषजनक कार्रवाई न होने के कारण मजबूरन उपभोक्ता को जिला उपभोक्ता फोरम ऊना में अपनी शिकायत दर्ज करवानी पड़ी। जहां फोरम ने सभी तथ्यों और सबूतों का अवलोकन करने के बाद उपभोक्ता की शिकायत को सही पाया और बैंक को सेवाओं में कमी का दोषी मानते हुए उपभोक्ता के बचत खाते में से अवैध रूप से निकाले गए रुपये शिकायतकर्ता को वापस देने का आदेश सुनाया।




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