200 एसएलआर राइफलें वितरित की गई
जम्मू,ब्यूरो रिपोर्ट
जम्मू संभाग में ग्राम रक्षा गार्ड (वीडीजी) को एसएलआर (सेमी-ऑटोमैटिक राइफल) के रूप में एक नई ताकतवर हथियार प्रणाली प्रदान की गई है।
इस कदम का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वी़डीजी की भूमिका को और सशक्त बनाना है। हाल ही में, 200 एसएलआर राइफलें वितरित की गई हैं और 400 नए वी़डीजी सदस्य भी पुलिस महकमे में शामिल किए गए हैं। पहले वी़डीजी के पास थ्री नट थ्री गन थीं, लेकिन अब उन्हें उन्नत एसएलआर से लैस किया गया है। गृह मंत्रालय ने राजोरी, पुंछ, कठुआ और रियासी जिलों में वीडीजी को स्वचालित हथियारों की मंजूरी दी है, जिससे उनकी सामरिक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
डीजीपी आरआर स्वैन के अनुसार वीडीजी आतंकवादियों से निपटने में हमारी रक्षा की पहली पंक्ति हैं। इन नए हथियारों से लैस होने के बाद, वी़डीजी गांवों में आतंकवादियों की साजिशों को विफल करने में और अधिक प्रभावी होंगे।राजोरी, पुंछ, कठुआ, रियासी और डोडा जिलों के जंगलों में सक्रिय विदेशी आतंकवादियों ने पिछले तीन वर्षों में सुरक्षा बलों पर सुनियोजित हमले किए हैं।
जिनमें 43 जवानों की शहादत हो चुकी है। इन परिस्थितियों में वी़डीजी को नए हथियार और विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि वे आतंकियों के खिलाफ और भी प्रभावी ढंग से लड़ सकें।अधिकारियों का कहना है कि आतंकवादी आमतौर पर खाद्य सामग्री की तलाश में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाते हैं और फिर जंगलों में छिप जाते हैं। वीडीजी की बढ़ती संख्या और उन्नत हथियार आतंकवादियों को गांवों के करीब आने की हिम्मत नहीं देंगे।
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