शिमला चिड़ियाघर में कैंसर से जंग लड़ रहा बर्फीला तेंदुआ काजू
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
राजधानी के कुफरी स्थित हिमालयन नेचर पार्क में रखा एकमात्र बर्फीला तेंदुआ काजू कैंसर से जंग लड़ रहा है। इसको जीवित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।
काजू को नवंबर 2023 में लाहौल-स्पीति के काजा से रेस्क्यू किया गया था, लेकिन वह ऑस्टियोसारकोमा, जो घातक प्रकार का हड्डियों का कैंसर है, इससे जूझ रहा है।काजू को पार्क के पशु चिकित्सा अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिसे शिमला के कुफरी चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है।काजू की स्थिति ने वन्यजीव अधिकारियों में चिंता बढ़ा दी है। उसे अलग वार्ड में रखा गया है।
कैंसर काजू के बाएं अग्रभाग में पाया गया है। उसकी रिपोर्ट में ऑस्टियोसारकोमा की पुष्टि हुई है। काजू ठीक से चल नहीं पा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि काजू को ऑस्टियोसारकोमा होने की पुष्टि के बाद उसे अलग रखा है। उसकी बेहतर देखभाल की जा रही है। उसके आगे के दो दांत भी क्षतिग्रस्त हैं इसलिए उसे कच्चा मांस छोटे टुकड़ों में दिया जा रहा है।
वन्य जीवों के उपनिवेशक शहनवाज अहमद भट्ट ने कहा कि काजू के प्रभावित अंग का कटाव कराने की सिफारिश की थी, लेकिन उसकी उम्र और अन्य जटिलताओं के कारण यह कठिन हो रहा है। काजू की उम्र 15 वर्ष हो चुकी है। इसे बर्फीले तेंदुए के लिए वृद्ध माना जाता है। एनेस्थीसिया के साथ जोखिम और कैंसर की घातक प्रकृति इसे और भी जटिल बनाती है। एक समिति जिसकी अध्यक्षता मुख्य वन्यजीव वार्डन कर रहे हैं, यह तय करेगी कि अम्पुटेशन किया जाए या दवा जारी रखी जाए।
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