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बुजुर्गों के समय से संजोकर रखे देशी बीजाें के साथ आर्गेनिक खेती

                                             बुजुर्गाें के संजोए देशी बीज से लिखी सफलता की कहानी

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हाइब्रिड बीजों के युग में कांगड़ा के पटोला गांव के किसान बलवीर सैणी बुजुर्गों के समय से संजोकर रखे देशी बीजाें के साथ आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। 

बलवीर सैनी और उनकी पत्नी सपना देवी पिछले छह साल से जैविक खेती कर रहे हैं। वर्तमान में वह कुल 20 कनाल की भूमि पर जैविक खेती कर रहे हैं। वह पांच कनाल खुद की भूमि और 15 कनाल लीज पर भूमि लेकर खेती कर रहे हैं। वह अपने बुजुर्गों के माध्यम से संजोकर रखे टमाटर और पालक देशी बीज से पौध तैयार कर खेती कर रहे हैं और अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं।\

 इसके साथ ही वह आज के युवाओं को भी खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।धर्मशाला पुलिस ग्राउंड में चल रहे कांगड़ा वैली कार्निवल में उन्होंने लोगों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग के सहयोग से प्रदर्शनी लगाई है। इसमें किसान बलवीर ने टमाटर, पालक, फूलगोभी, गठगोभी, सौंफ और हल्दी सहित अन्य पौधों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। 

उन्होंने बताया कि देशी बीज से तैयार टमाटर का पौधा लगभग 20 से 25 किलो फसल देता है। पिछले लगभग छह साल से वह जैविक खेती कर रहे हैं और अच्छा खासा वेतन कमा लेते हैं। उन्होंने कहा कि जो युवा आज के समय में 15 से 20 हजार की नौकरी के लिए इधर-उधर भाग रहे है, वह खेती करके भी अच्छा कमा सकते है और सेहत भी स्वच्छ रहेगी।




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