चेक बाउंस मामलों के 1200 उद्घोषित अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
चेक बाउंस के मामलों में उद्घोषित अपराधियों और भगोड़ों को पकड़ने में मंडी पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। जिले में चेक बाउंस के 1200 से अधिक उद्घोषित अपराधी और भगोड़े पुलिस के लिए कई वर्षों से चुनौती बने हुए हैं।
समय-समय पर पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन उनकी संख्या के मुकाबले कार्रवाई न के बराबर हो रही है।इन भगोड़ों में कई आरोपी ऐसे भी हैं जिनके खिलाफ अदालतों में लंबे समय से चेक बाउंस के केस लंबित हैं, लेकिन वे अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रही है। जिला मंडी की जेएमएफसी कोर्ट गोहर और थुनाग में अब तक 110 से अधिक आरोपियों को अदालत में गैरहाजिर रहने पर उद्घोषित अपराधी घोषित किया जा चुका है।वहीं, मंडी जिले की विभिन्न अदालतों से 1200 से अधिक आरोपी उद्घोषित अपराधी घोषित किए जा चुके हैं।
पुलिस के पास इन अपराधियों को पकड़ने के लिए ठोस मैकेनिज्म नहीं है, जिससे चेक बाउंस के मामलों में शिकायतकर्ता न्याय से वंचित रह जा रहे हैं, जबकि आरोपी बेखौफ घूम रहे हैं। पुलिस ने उद्घोषित अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष पीओ (प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर) सेल का गठन कर रखा है, लेकिन चेक बाउंस मामलों में यह सेल निष्क्रिय दिखाई दे रही है।सराज घाटी में बागवानों से लिए गए सेब के बदले जारी चेक बाउंस होने के कई मामले लंबित हैं, जिनमें करोड़ों रुपये की राशि फंसी हुई है। अदालत में आरोपियों की हाजिरी न होने से ये मामले लगातार लटकते जा रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक मंडी साक्षी वर्मा ने स्वीकार किया है कि उद्घोषित अपराधियों की संख्या अधिक है, और इन्हें पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।जो आरोपी अदालत में पेशी पर उपस्थित नहीं होते, उन्हें स्टैंडिंग वारंटी कहा जाता है और उनके खिलाफ वारंट जारी होता है। जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाती तो उन्हें उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया जाता है। जब उनका कोई ठिकाना नहीं मिलता और लंबे समय तक वे गिरफ्तार नहीं होते तो उन्हें भगौड़ा घोषित कर दिया जाता है।
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