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हिमाचल प्रदेश विद्युत पेंशनर फोरम की हुई बैठक

                                                 विद्युत पेंशनर्स फोरम की मासिक बैठक हुई सम्पन्न 

पालमपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

विद्युत पेंशनर्स फोरम की मासिक बैठक संस्थापक अध्यक्ष ई एस एल भाटिया जी की अध्यक्षता मे पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह के प्रांगण मे संपन हुई जिसे 122 के लगभग सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक का संचालन जिला प्रेस सचिव अमर नाथ सेठी द्वारा किया गया और फोरम ,बोर्ड प्रबंधक एवम सरकार की गतिविधियों से अवगत करवाया।बैठक को संबोधित करते हुए श्री के के शर्मा ,धर्म चंद ,सतीश कुमार सदस्य जिला कार्यकारिणी,पवन शरोत्री,ओमप्रकाश जिला उपाध्यक्ष, ई आर के पठानियां सेवानिवृत मुख्य अभियंता, ई बी डी मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष,और संस्थापक अध्यक्ष ई एस एल भाटिया ने संबोधन मे मांग की कि हिमाचल सरकार कम्युटेशन पेंशन राशि की रिकवरी के समय को पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार पंजाब सरकार के द्वारा जारी आदेशों को हिमाचल सरकार भी लागू करे और रिकवरी को 11 वर्ष जिनके पूरे हो गए है उनकी रिकवरी पर भी तुरंत रोक लगाए। 

सरकारी सचिवालय के कर्मचारियों के संघर्ष को भी पूरा समर्थन किया गया, सरकार के एक मंत्री द्वारा कर्मचारी नेताओं के विरुद्ध प्रिविलेज मोशन (विशेषाधिकार प्रस्ताव ) लाने की कड़ी निन्दा की ओर कहा की एक तरफ कर्मचारियों के अधिकार बकाए,महंगाई भत्ते की 3/4 किस्तें देय है वेतन एवम पेंशन के बकाया देय है उसको मांगने के लिए आवाज ट्रेड यूनियन के अधिकार के तहत उठाई तो सरकार धमकियां देने पर उतारू है बेलगाम मंत्री जो कभी कर्मचारी इतिहास मे नहि हुआ वो काम दंडात्मक करवाई करने जा रही है। बैठक मे बोर्ड मे नया एम डी लगाए जाने का स्वागत किया गया और उम्मीद जाहिर की गई की पेंशनर के सभी मामले जल्दी ही सुलझाए जायेंगे और सरकार के आदेशों के अनुसार बोर्ड के पेंशनर को भी आर्थिक लाभ जारी किए जाएं। बैठक मे कोर्ट जाने की मुहिम का विरोध किया गया और इसको अंतिम विकल्प माना गया। अभी तो संघर्ष करके सरकार और बोर्ड प्रबंधक वर्ग को नींद से जगाया जायेगा।

 मुख्यमंत्री महोदय से भी आग्रह किया गया कि कर्मचारियों से वार्ता कर के मामले को निपटाए और सौहार्द पूर्ण माहोल बनाया जाए। कर्मचारी एवम पेंशनर्स किसी धमकी से डरने वाले नही हैं हमने पहले भी कई सरकारों से संघर्ष किया है नोकरी मे टर्मिनेशन और बरखास्तगी सहन की है और सरकारों को बदलना जब जरूरी हुआ था तोह सरकार बदल कर भी दिखाई हैं इसलिए गलत बयानबाजी करने से बाज आएं और मामलों मे को सुलझाएं। आग में पेट्रोल डालने का काम न करके मांगों को सुलझाने का काम करें।इतिहास से सबक ले।अन्यथा यह आंदोलन पूरे प्रदेश मे फेल जायेगा और कई लोगों को राजनेतिक रोटियां सेंकने का मौका न दें।





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