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हजारों लोगों की भीड़ बाजार में पहुंची और घंटों उग्र प्रदर्शन हुआ

                                                     भीड़ अधिक होती तो बिगड़ सकती थी स्थिति

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

संजौली मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के खिलाफ बुधवार को हजारों लोगों की भीड़ बाजार में पहुंची और घंटों उग्र प्रदर्शन करती रही। इस दौरान पुलिस के एक हजार से अधिक जवान कानून व्यवस्था को बनाए रखने में डटे रहे।

खास बात यह रही कि पुलिस ने शहर से बाहर कई जगहों पर बैरिकेडिंग करके प्रदर्शनकारियों को रोक लिया था। ऐसा नहीं होता तो संजौली में और अधिक संख्या में लोग पहुंच जाते जिससे निपटना पुलिस के लिए मुश्किल हो जाता। पुलिस ने छाराबड़ा, मशोबरा, चलौंठी, टुटू और शोघी की ओर से प्रदर्शन के लिए आने वाले लोगों को वहीं रोक दिया था।संजौली बाजार में जब पुलिस मस्जिद से महज कुछ ही दूरी पर पहुंची तो यहां पर बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर जोरदार लाठीचार्ज कर उनके मंसूबों को तोड़ दिया। इसके बाद खास रणनीति के पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को बांट दिया और लोगों के बीच में सुरक्षा घेरा बनाना शुरू किया। इससे लोग बंट गए और भीड़ आगे बढ़ने में कामयाब नहीं हो पाई। इसमें पुलिस महानिदेशक, एसपी शिमला, उपायुक्त शिमला समेत प्रशासन के अधिकारियों ने बखूबी काम किया।शहर के उपनगर टुटू में भी लोगों ने प्रदर्शन किया। चौक पर खड़े होकर स्थानीय लोगों ने जतोग क्षेत्र में बनी मस्जिद की जांच की मांग की। साथ ही बाहरी राज्यों से शिमला आ रहे समुदाय विशेष के लोगों पर निगरानी रखने, इनकी वेरिफिकेशन करने की मांग की। लोगों ने कहा कि इस क्षेत्र की जनता संजौली में हो रहे हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन को समर्थन दे रही है। शहर में जो भी अवैध मस्जिदें बनी हैं, उनकी जांच होनी चाहिए।

राजधानी शिमला के संजौली बाजार में हिंदूवादी संगठनों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में प्रदर्शनकारियों के साथ कई पुलिस कर्मी भी घायल हुए हैं। घायलों को एंबुलेंस में उपचार के लिए आईजीएमसी भेजा गया। संजौली बाजार में दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब भीड़ के उग्र होते लाठीचार्ज किया गया। इस कारण मची भगदड़ में कुछ लोगों को सिर तो कुछ को पैरों में चोटें आईं। घायलों का आईजीएमसी के आपातकालीन विभाग में उपचार किया गया। इसके बाद टेस्ट करवाने के लिए रेडियोलॉजी विभाग में भेजा। यहां पर पुलिस कर्मियों के अलावा लाठीचार्ज में घायल लोगों के पैरों में प्लास्टर चढ़ाए गए। इसके अलावा जिनके सिर में चोटें लगी थीं उनके सीटी स्कैन टेस्ट किए।





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