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अवैध निर्माण गिराने का फैसला अक्तूबर तक लटक सकता है

                                     जमीन की नहीं हुई पैमाइश,पिछली सुनवाई में दिए थे निर्देश

शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट 

संजौली मस्जिद में कथित अवैध निर्माण गिराने का फैसला अक्तूबर तक लटक सकता है। मस्जिद कमेटी के खुद अवैध निर्माण गिराने के आवेदन के बावजूद नगर निगम इस पर कोई भी फैसला लेने की जल्दबाजी में नहीं है।

 नगर निगम की वास्तुकार शाखा के कनिष्ठ अभियंता ने अभी मौके पर जाकर अवैध निर्माण की पैमाइश भी नहीं की है। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक अब यह पैमाइश रिपोर्ट तैयार की जाएगी।सात सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने इस क्षेत्र के कनिष्ठ अभियंता को ताजा स्टेट्स रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट से पता चलेगा कि मौके पर कुल कितना अवैध निर्माण हुआ है।

 इस मामले पर अगली सुनवाई पांच अक्तूबर को होनी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी दिन इस मामले पर कोई फैसला लिया जाएगा। मस्जिद कमेटी ने जब खुद अवैध निर्माण गिराने का आवेदन किया था तो माना जा रहा था कि निगम सुनवाई से पहले भी इस पर कोई फैसला ले सकता है। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हुआ है। निगम इस मामले के कानूनी पहलुओं पर विचार कर रहा है। दूसरी ओर हिंदूवादी संगठन नगर निगम के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। चर्चा है कि दो राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद पांच अक्तूबर को होने वाली सुनवाई में ही इस मामले पर कोई फैसला लिया जा सकता है।

इसका सभी इंतजार है।शहर के संजौली बाजार में कुछ तहबाजारियों को न उठाए जाने पर स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। नगर निगम और पुलिस विभाग इन तहबाजारियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। संजौली चौक के पास सड़क किनारे इनकी दुकानें लग रही हैं। नगर निगम ने इस क्षेत्र से ज्यादातर तहबाजारियों को तो हटा दिया है लेकिन कुछेक पर कार्रवाई नहीं की जा रही। नगर निगम का कहना है कि जो तहबाजारी पंजीकृत नहीं हैं, उन सभी को हटाया जा रहा है।




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