एचआरटीसी जल्द चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए टेंडर आबंटन की प्रक्रिया शुरू
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेश में बनने वाले 53 ई-चार्जिंग स्टेशन के लिए नाबार्ड ने करीब 35 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है। इसके बाद एचआरटीसी जल्द चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के लिए टेंडर आबंटन की प्रक्रिया शुरू कर देगा। प्रदेश सरकार ने ई-चार्जिंग स्टेशनों के लिए 128 करोड़ रुपये की सहमति दी है।
इस योजना में 90 फीसदी की राशि नाबार्ड से बतौर ऋण ली जाएगी, जबकि 10 फीसदी राशि प्रदेश सरकार खर्च करेगी।इसमें से नाबार्ड ने पहले चरण में 30 फीसदी रकम यानी करीब 35 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। पहली किस्त से ई-चार्जिंग स्टेशन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और इसके बाद चरणबद्ध तरीके से राशि एचआरटीसी को जारी की जाएगी। प्रदेश सरकार ने पहले इस कार्य को करने का जिम्मा परिवहन विभाग को सौंपा था, लेकिन बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद एचआरटीसी को इस कार्य करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसके बाद एचआरटीसी के बस अड्डा विकास प्राधिकरण ने इसको लेकर काम शुरू कर दिया है।
गौर हो कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार करीब 327 ई-बसों की खरीद कर रही है। इससे जीवाश्म ईंधन पर सरकार की निर्भरता भी कम होगी।ई-चार्जिंग स्टेशन के निर्माण के साथ ही एचआरटीसी प्रदेशभर में ई-वर्कशॉप का निर्माण भी करने जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें अधिकांश जिलों को शामिल किया गया है। जिला शिमला में दो जगह ई-वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा। इसमें ढली और तारादेवी को शामिल किया गया है।
यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस ई-वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत कार्य को लेकर एचआरटीसी संबंधित कंपनियों पर ही निर्भर है क्योंकि सभी गाड़ियां पांच साल की एमसी पर आ रही हैं, लेकिन यह समय अवधि खत्म होने के बाद निगम को खुद अपने स्तर पर बसों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य करना होगा। इसको देखते हुए सरकार सभी जिलों में ई-वर्कशॉप बनाने की योजना पर काम कर रही है।प्रदेश में बनने वाले ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप के लिए नाबार्ड ने पहली किस्त जारी कर दी है।
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