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28 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका

                                                    प्रति यूनिट चुकाना होगा दूध और पर्यावरण उपकर

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल के 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगने जा रहा है। बिजली उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट दूध और पर्यावरण उपकर भी चुकाना होगा। 

प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने, किसानों को सशक्त करने और पर्यावरण सहेजने के लिए हिमाचल सरकार ने सोमवार को सदन में विद्युत शुल्क संशोधन विधेयक रखा। विधेयक पारित होने के बाद प्रदेश के करीब 22 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध उपकर चुकाना होगा। घरेलू उपभोक्ताओं पर पर्यावरण उपकर नहीं लगेगा। जबकि उद्योगों, वाणिज्यिक स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा।

 इन सभी श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट भी चुकाना होगा।शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये उपकर लगाने के बाद अब सरकार बिजली पर प्रति यूनिट उपकर लगाने वाली है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को सदन में संशोधन विधेयक रखा। मंगलवार को विधेयक पारित होगा। प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए उपकर लगाने का फैसला लिया गया है। उपकर से होने वाली आय प्रदेश की बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं, ऊर्जा विभाग/ऊर्जा निदेशालय के शीर्ष में जमा की जाएगी। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के प्रयासरत सरकार विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से भी 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर वसूलेगी। 

पर्यावरण उपकर लेने के लिए उद्योगों को लघु, मध्यम और बड़े की श्रेणी में बांटा गया है। उधर, शून्य बिजली बिल वाले घरेलू उपभोक्ताओं से दूध उपकर नहीं लिया जाएगा। इनमें करीब 4 लाख उपभोक्ता हैं।प्रदेश सरकार ने मार्च 2023 में हुई कैबिनेट बैठक में शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये मिल्क सेस लगाने का फैसला किया था। दूध सेस से प्राप्त होने वाली राशि को गाय-भैंस पालकों से हर दिन दस लीटर दूध खरीदने की योजना पर खर्च करने की बात कही गई है। सरकार ने शराब की प्रति बोतल पर लगने वाले दो से पांच रुपये के कोविड सेस को हटा दिया था। हालांकि, प्रति बोतल ढाई रुपये लिए जाने वाले काऊ सेस को जारी रखा गया है।





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