किन्नाैर में पहाड़ी से गिरीं चट्टानें, सेब बगीचे तबाह
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में आज से लेकर 15 सितंबर तक मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 9 से 15 सितंबर तक राज्य के कुछ स्थानों पर ही बारिश का पूर्वानुमान है।
अन्य सभी भागों में माैसम साफ रहने के आसार हैं। हालांकि, 10 सितंबर को कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। उधर, बीते 24 घंटों के दाैरान कसौली में 25.0, शिमला 18.6, जुब्बड़हट्टी 16.0, कुफरी 13.4, काहू 12.3, नयना देवी 12.2, सोलन 8.4, धर्मपुर 3.2, बिजाही 3.0, कंडाघाट 1.8 व कल्पा में 0.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। राजधानी शिमला में दोपहर करीब डेढ़ बजे झमाझम बारिश शुरू हुई।वहीं राज्य में जगह-जगह भूस्खलन से सोमवार सुबह 10:00 बजे तक 62 सड़कें प्रभावित रहीं। दो पुल भी क्षतिग्रस्त हैं। इसके अतिरिक्त 17 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं। जिला किन्नौर के पांगी गांव के प्राणु नामक स्थान पर पिरि ढांक से आईं बड़ी-बड़ी चट्टानों की चपेट में आने से 6 लोगों की दोघरियां और सैकड़ों सेब के पौधे तबाह हो गए हैं। यहां देर रात से भूस्खलन का सिलसिला जारी है।
भूस्खलन से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। उधर, प्रशासन नुकसान का आकलन करने में जुटा है। पर्यटन क्षेत्र कसौली में निजी स्कूल के समीप चलती कार पर अचानक पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि कार इसकी चपेट में नहीं आई, अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। कार में सवार दोनों व्यक्ति सुरक्षित हैं। पेड़ गिरने के बाद यहां से गुजर रहे लोगों ने कार सवारों को बाहर निकाला। वहीं पेड़ गिरने के बाद सड़क पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। इससे एक घंटा तक जाम की समस्या बनी रही। सूचना कसौली पुलिस को दी गई। वहीं, छावनी परिषद को भी इस बारे में बताया गया।किन्नौर जिले के निगुलसरी में लोगों की दुश्वारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार रात से बाधित नेशनल हाईवे-5 रविवार शाम चार बजे वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल हुआ। एनएचएआई ने 70 मीटर नई सड़क बनाकर एनएच को आवाजाही के लिए बहाल किया। इससे हजारों ग्रामीणों, पर्यटकों और सेना के जवानों ने राहत की सांस ली है। इसके अलावा गाड़ियों में मंडियों के लिए रवाना होने से बागवानों ने राहत की सांस ली। हालांकि रविवार दोपहर तक हजारों लोग परेशानियां झेलते रहे। गौरतलब है कि देश सीमा को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे-5 निगुलसरी में भूस्खलन और भूमि धंसने के कारण शुक्रवार रात को बाधित हो गया था।
शनिवार को दिनभर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप रही।इस कारण हजारों लोगों को यातायात करने में भारी परेशानियां झेलनी पड़ीं। भारी बारिश के कारण तरांडा की ओर से भूमिगत जल के कारण एनएच-पांच धंस गया था और करीब 70 मीटर सड़क का हिस्सा दरक गया था। भूमि धंसने से प्रभावित क्षेत्र में प्राधिकरण ने नए सिरे से 70 मीटर सड़क का निर्माण किया है। रविवार शाम चार बजे बाधित मार्ग यातायात के लिए बहाल हुआ। मार्ग बहाल होते ही सड़क के दोनों ओर फंसे वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई। वहीं, मार्ग बहाल होने के बाद जिले के सेब बागवानों और किसानों ने भी राहत पाई है। जिले में अब सेब सीजन जोर पकड़ेगा, जबकि मार्ग बाधित होने से बागवानों ने सेब तुड़ान रोक दिया था। रामपुर खड्ड पर बेली ब्रिज का आखिरकार शुभारंभ सोमवार को हो गया। ऊना-संतोषगढ़ मार्ग पर रामपुर खड्ड पर बने बेली ब्रिज के शुरू होने से अब यहां छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन भी शुरू हो गया है। फिलहाल ब्रिज से लगभग 18 टन के बड़े वाहनों को ही गुजरने की अनुमति रहेगी। अगस्त के दूसरे सप्ताह में मूसलधार बारिश के बाद रामपुर खड्ड पर बने पुल के पिलर क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके बाद यहां से यातायात को आगामी निर्देशों तक अवरुद्ध कर दिया गया। आखिरकार यहां लोक निर्माण विभाग ने बेली ब्रिज बनाने का फैसला लिया। अब लगभग 15 दिन में ही लोक निर्माण विभाग ने बेली ब्रिज को बनाकर यातायात को बहाल कर दिया है।
0 Comments