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लाहौल-स्पीति की 14,000 फुट ऊंची पीर पंजाल पहाड़ी पर उमड़ा आस्था का सैलाब

                                             14,000 फुट की ऊंचाई पर उमड़ा आस्था का सैलाब

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

 जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की 14,000 फुट ऊंची पीर पंजाल पहाड़ी पर बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। पवित्र ड्रिलबुरी कोरा का 11वां संस्करण संपन्न हुआ। 

बौद्ध धर्म से जुड़े इस पवित्र कोरा की अगुवाई दुक्पा समुदाय के धर्मगुरु कुंगा रिंपोछे और पलगा रिंपोछे ने की। कारदंग से शुरू हुई परिक्रमा में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और पुरुषों समेत 3,000 से भी अधिक संख्या में अनुयायी शामिल हुए। सिला गोंपा की ऊंचाई पर स्थित इस पहाड़ी की परिक्रमा करने लाहौल समेत कुल्लू, मनाली, लेह, पांगी, किन्नौर, लद्दाख, स्पीति और विदेशी अनुयायी ड्रिलबुरी कोरा में पहुंचे।

वाईडीए गरशा के प्रेस सचिव कुंगा बौद्ध ने बताया कि पलगा एवं कुंगा रिंपोछे 21 सितंबर को लेह से दारचा पहुंचे थे। इसके बाद रिंपोछे गण शशुर गोंपा में तीन दिनों तक रुके और अनुयायियों को प्रवचन दिए। 24 सितंबर को केलांग के शशुर गोंपा में अनुयायियों को तारा अभिषेक प्रदान कर आशीर्वाद दिया। 25 सितंबर को पवित्र ड्रिलबुरी कोरा में हजारों की संख्या में बौद्ध अनुयायियों ने कोरा की परंपरा को पूरा किया। उन्होंने बताया कि वाईडीए गरशा पवित्र ड्रिलबुरी कोरा परिक्रमा ईको पदयात्रा का आयोजन करती आ रही है।






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