क्रिस्टोफर एल्म्स बीते सोमवार से धर्मशाला दौरे पर आए हुए हैं
धर्मशाला,ब्यूरो रिपोर्ट
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस्टोफर एल्म्स ने कहा कि अमेरिका तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा का समर्थन करता है।
क्रिस्टोफर एल्म्स बीते सोमवार से धर्मशाला दौरे पर आए हुए हैं। मैक्लोडगंज में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा जब अपने उपचार के दौरान अमेरिका में थे तो अमेरिकी सरकार के तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक उजरा जेया के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक ने वहां उनसे मुलाकात की थी। बैठक में जेया ने अमेरिकी सरकार का संदेश दोहराया कि हम तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों का समर्थन करते हैं और साथ ही तिब्बती लोगों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के अपने प्रयास जारी रखेंगे, क्योंकि हम तिब्बती लोगों के मानवीय अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानून की भावना से सहमत हैं।यह तिब्बती लोगों की विशिष्ट ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई और सांस्कृतिक विरासत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
यह कानून तिब्बत पर एक राजनीतिक इकाई के रूप में भी चर्चा करता है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की एक दीर्घकालिक नीति रही है और राष्ट्रपति ने दोहराया कि अमेरिकी सरकार अभी भी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और अन्य तिब्बती क्षेत्रों को चीन सरकार (पीआरसी) के एक हिस्से के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि अगला कदम वह है जिसे हम लंबे समय से प्रोत्साहित कर रहे हैं जो कि पीआरसी और दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच सीधी बातचीत हो। इस तरह की सीधी बातचीत हुए 13 साल हो गए हैं और हम पीआरसी को बिना किसी पूर्व शर्त के दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ सीधे बातचीत में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।क्रिस्टोफर एल्म्स ने कहा कि हम तिब्बत और उसके इतिहास के बारे में चीन सरकार (पीआरसी) के दुष्प्रचार को भी देख रहे हैं।
अमेरिकी सरकार का मानना है कि तिब्बत का एक विशिष्ट इतिहास, संस्कृति, भाषा और धार्मिक विरासत है जिसे हमें संरक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चीनी दुष्प्रचार कुछ और ही संकेत देता है। हम तिब्बत के विशिष्ट इतिहास के बारे में वास्तविक जानकारी देना जारी रखेंगे। तिब्बत के अंदर मानवाधिकार मुद्दों के समाधान के लिए अमेरिकी सरकार इसे अक्सर समय-समय पर उठाती रहती है। हमने इसे अपनी नियमित मानवाधिकार रिपोर्ट के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक रिपोर्टों में भी उठाया है। तिब्बत समाधान अधिनियम अमेरिका की स्थिति का वर्णन करता है।
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