प्रशिक्षु डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, चौथी मंजिल तक कैसे पहुंचा युवक
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दरिंदगी का मामला सामने आने के बाद देशभर में डॉक्टर अपनी सुरक्षा को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं आईजीएमसी के लक्कड़ बाजार स्थित गर्ल्स हॉस्टल में युवक के दाखिल होने के मामले ने प्रशिक्षु डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अहम बात यह है कि हॉस्टल परिसर के चारों ओर सुरक्षा दीवार होने और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के बावजूद युवक परिसर में कैसे दाखिल हुआ, इसको लेकर पुलिस जांच कर रही है। हॉस्टल में पीजी और यूजी की 200 छात्राएं रह रही हैं।उधर, मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक परीक्षाएं होने के कारण ज्यादातर छात्राएं हॉस्टल के कमरों में पढ़ रहीं थीं तो वहीं सुरक्षा कर्मी भी ड्यूटी पर मुस्तैद थे। यहां वर्तमान में दो सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी रहती है। इसके साथ ही परिसर में सभी स्थानों पर लाइट की भी उचित व्यवस्था की गई है।
इसके बावजूद युवक परिसर में दाखिल होने के बाद चौथी मंजिल तक कैसे पहुंच गया, इसे लेकर प्रबंधन के अलावा पुलिस भी सिर्फ कयास ही लगा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी तक की जांच से मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा हो सकता है। प्रतीत हो रहा है कि उपरोक्त भवन के पिछले हिस्से में कुछ सीढि़यां हैं, जिनके माध्यम से युवक चौथी मंजिल तक पहुंचा होगा। इसके अलावा आसपास के भवनों में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने पर युवक के परिसर में पहुंचने की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि युवक यहां आने से पहले अपने दो दोस्तों से भी मिला था।
इसके बाद वह स्कैंडल प्वाइंट होता हुआ लक्कड़ बाजार पहुंचा था।आईजीएमसी कॉलेज की प्रिंसिपल सीता ठाकुर ने बताया कि देर रात उन्हें वार्डन के माध्यम से इस घटना के बारे में सूचना मिली थी। घायल युवक को सही उपचार मिले, इसके लिए इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर से भी बात की थी और खुद घर से आईजीएमसी पहुंचीं। इस दौरान पता चला कि गिरने की आवाज सुनकर छात्राएं और सुरक्षा कर्मी मौके पर पहुंचे तो यहां युवक अचेत अवस्था में पड़ा हुआ था। छात्रावास की सुरक्षा और पुख्ता करने के लिए वार्डन के साथ बैठक की गई है। दीवारों को और ऊंचा करने और सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने को लेकर उचित कदम उठाए जाएंगे।
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