यह ड्रोन आपदा में कारगर साबित होंगे
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
प्रदेश का आईटी विभाग आपदा में प्रभावित लोगों को त्वरित मदद देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विशेष प्रकार के ड्रोन खरीदेगा। यह ड्रोन आपदा में कारगर साबित होंगे। इन विशेष ड्रोन में डाटा संग्रह, जीपीएस ट्रैकिंग, 3-डी मैपिंग, हवाई सर्वेक्षण निगरानी के रूप में सुरक्षा उपाय करने की क्षमता होगी।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें न होने पर वाहन वहां पहुंच नहीं पाते हैं और हेलिकॉप्टर का अधिक खर्च नहीं उठाया जा सकता है, वहां पर यह ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।इन विशेष प्रकार के ड्रोन के आपदा प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए ट्रायल भी जल्द होंगे। हालांकि, अभी इसके लिए ट्रायल कहां पर किए जाने हैं, इसकी लोकेशन तय नहीं की गई है। शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर जिलों के दुर्गम इलाकों में ट्रायल की संभावना है। अब तक 100 किलोग्राम तक वजन उठाने वाले ड्रोन भी बन चुके हैं, लेकिन भोगौलिक परिस्थितियों पर सब कुछ निर्भर करता है।
प्रदेश में अभी तक अधिक भार क्षमता ले जाने वाले ड्रोन कामयाब नहीं हो पाए हैं। कम से कम 10 किलोग्राम से कम भार ले जाने की क्षमता वाले ड्रोन ही प्रदेश में सफल हुए हैं।आईटी विभाग का कहना है कि प्रदेश में ड्रोन को उचित स्थान तक सुरक्षित पहुंचाना बड़ी चुनौती रहती है। ऐसे में अभी 10 किलोग्राम भार उठाने वाले ड्रोन ही लिए जाएंगे। इस बारे में आईटी विभाग के निदेशक नरेंद्र कुमार ने कहा कि आपदा प्रभावित को त्वरित मदद को लेकर ड्रोन लिए जा रहे हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में इनके ट्रायल जल्द होंगे, अभी लोकेशन तय नहीं हुई है।आपदाएं जमीन या पानी के विशाल क्षेत्रों में फैलती हैं। ऐसे क्षेत्रों में ड्रोन यूएवी और क्वाडकॉप्टर की ओर से अपनाई गई अनुकूलनशीलता ने आपदा से प्रभावित दूरदराज के स्थानों और क्षेत्रों का आकलन करने में सहायता की है। प्रदेश की बात करें तो पिछली आपदा में भी ड्राेन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों में लोगों तक दवाइयां पहुंचाई गई थीं। वहीं, लैब तक सैंपल और मरीजों तक टेस्ट रिपोर्ट पहुंचाने में भी ड्रोन काफी मददगार साबित हुए हैं।
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