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हिमाचल सरकार का नशे के खिलाफ अहम कदम

                                      राज्य स्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवम् पुनर्वास केंद्र होगा स्थापित

सिरमौर,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशा निवारण के लिए अहम कदम उठाया है। जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के कोटला बड़ोग में राज्य स्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवम् पुनर्वास केंद्र स्थापित होने जा रहा है। यह राज्यस्तरीय नशा मुक्ति केंद्र मादक पदार्थों की लत से जूझ रहे लोगों की सहायता के लिए कारगर साबित होगा।

लोगों को नशीली दवाओं पर अपनी निर्भरता से उबरने तथा आत्मनिर्भरता के साथ समाज में फिर से एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीनेे में मदद करेगा। आज के दौर में युवाओं को नशे की लत से दूर रखना बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए समाज का भी बहुत बड़ा योगदान है। नशा मुक्ति केंद्र को शुरू करने का उद्देश्य एक ही परिसर में विभिन्न प्रकार की सेवाएं उपलब्ध करवाना है और नशे के संकट से उत्पन्न गंभीर सामाजिक और स्वास्थ्य मुद्दों से निपटना है। नशा मुक्ति केंद्र में कमरे, शौचालय, भोजन की व्यवस्था, मनोरंजन स्थल, पुस्तकालय, व्यायामशाला और खेल, ध्यान और योग की सुविधाएं भी दी जाएगी। 

इसके अतिरिक्त केंद्र में कौशल विकास व व्यावसायिक प्रशिक्षण और इन-हाउस उपचार, भोजन, कपड़े और लॉन्डरी जैसी अनिवार्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी। इस समग्र दृष्टिकोण का उद्देश्य नशे के आदी लोगों के लिए महत्वपूर्ण सहायता और पुनर्वास सेवाओं का मानकीकरण करना है। नशे की लत से जूझ रहे लोगों के लिए केंद्र में 100 बिस्तरों की सुविधा होगी. केंद्र का उद्देश्य राज्य के युवाओं को नशे से दूर रखना और समाज में सकारात्मक योगदान सुनिश्चित करना है। नशा मुक्ति केंद्र 157 बीघा 7 बिस्वा की जमीन पर बनने जा रहा है। यहां कुछ पुरानी इमारतें भी है, जिन्हें मामूली मरम्मत के साथ फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, पुरानी इमारतों के अलावा अतिरिक्त बुनियादी ढांचे की योजना भी तैयार की गई है। लोक निर्माण विभाग को कार्य को आगे बढ़ाने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके बाद सरकार नशा मुक्ति एवम् पुनर्वास केंद्र के लिए पर्याप्त धनराशि मुहैया करवाएगी। 






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