इनमें अधिकतर बीबीएन क्षेत्र की दवा कंपनियों की दवाएं हैं
सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल में बनीं 20 दवाओं और इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए हैं। इनमें अधिकतर बीबीएन क्षेत्र की दवा कंपनियों की दवाएं हैं। नेचुरल प्रोटीन शैंपू का सैंपल भी पास नहीं हो पाया है।
फेफड़ों में फंगल संक्रमण को कम और डिहाइड्रेशन कंट्रोल करने वाला इंजेक्शन भी सीडीएससीओ के मानकों पर खरा नहीं उतरा है।बोनसाई फार्मा किशनपुरा के फंगोबी कैप्सूल व पेंटोप्रोजोल, हिग्गज हेल्थेयर भटोलीकलां बद्दी के कंपाउंड सोडियम लेकटेट इंजेक्शन, अल्ट्राड्रग्ज प्राइवेट काठा के इट्राकॉनाजोल कैप्सूल, जेपी इंडस्ट्रीज भूड के कार्बामेजेपिन-ई एक्सटेंडिड रीलीज टेबलेट, ब्रॉड इंजेक्टेबल्ज टाहलीवाल ऊना का कैल्शियम-कार्बोनेट, बी6 (कामेड-सीएम), एमसा फार्मास्यूटिकल पांवटा की एजिथ्रोमाइसिन व कंपाउंड सोडियम लेकटेट इंजेक्शन, यूनिग्रो फार्मास्यूटिकल काठा बद्दी की ओफ्लोक्सिन-ओर्निडाजोल टेबलेट, लाइफविजन हेल्थकेयर झाड़माजरी का सीनेटिविट कैप्सूल, मार्टिन एंड ब्राउन बायो साइंसेज बद्दी की पेंटोप्राजोल व रेबेप्राजोलमाइक्रो फार्मूलेशन चंबाघाट की जालमोक्सी सीवी, इलविस केयर बद्दी की स्टॉपमस्ट इंजेक्शन, आरगे हेल्थकेयर परवाणू की पेंटोप्रोजोल, अल्ट्रा ड्रग्ज मनकपुर की कफ सिरप, आईबीएन हर्बलज बद्दी की बायोगलिप-1, एचपीएसआईडीसी की सिप्रोफ्लोक्सिन हाइड्रोक्लोराइड, हिमालयन वेलनेस बद्दी का नेचुरल प्रोटीन शैंपू भी मानकों पर खरा नहीं उतरा है। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि दवा उद्योगों को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं।
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