आदेश नहीं मानने पर होगी कार्रवाई
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में सरकार सेब की पैकिंग के लिए टेलिस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल की छूट नहीं देगी। मंडियों में सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में बिकेगा। प्रदेश के बाहर की मंडियों के लिए भी टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब ले जाने पर रोक रहेगी। ट्रकों में टेलिस्कोपिक कार्टन मिला तो ट्रांसपोर्टर और जिसका सेब होगा, दोनों पर कार्रवाई होगी। सेब सीजन के दौरान यूनिवर्सल कार्टन को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
मंडियों में सेब यूनिवर्सल कार्टन में वजन के हिसाब से बिकेगा।सरकार ने एचपीएमसी को तुरंत बागवानों को पर्याप्त मात्रा में यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं, कृषि विपणन बोर्ड को भी यूनिवर्सल कार्टन बनाने वाली कंपनियों से संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। सरकार ने कृषि विपणन बोर्ड और सभी एपीएमसी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मंडियों में सेब किसी भी सूरत में टेलिस्कोपिक कार्टन में न बिके। जिस आढ़ती के फड़ (ऑक्शन यार्ड) पर टेलिस्कोपिक कार्टन मिलता है, उसे नोटिस जारी कर जुर्माना लगाया जाए। तीन से अधिक नोटिस जारी होने पर आढ़ती का लाइसेंस रद कर दिया जाए। बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन की कमी पेश न आए इसके लिए बागवानी मंत्री ने इसी हफ्ते सचिव स्तर बैठक बुलाई है।
प्रोग्रेसिव ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह बिष्ट का कहना है कि यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का फैसला स्वागतयोग्य है, लेकिन सरकार को साफ करना चाहिए कि टेलिस्कोपिक कार्टन में अपनी फसल बाहरी राज्यों की मंडियों में बेचने वाले बागवानों के खिलाफ किस कानून के तहत क्या कार्रवाई होगी, क्योंकि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट में सभी बागवानी उत्पाद वजन और संख्या के हिसाब से ही बेचने का प्रावधान है।सेब सीजन के दौरान सरकार राजस्व अधिकारियों की भी सेवाएं लेगी। एसडीएम और तहसीलदार मंडियों का निरीक्षण कर सरकार के निर्देशों को लागू करवाएंगे। प्रदेश से बाहर अगर टेलिस्कोपिक कार्टन में सेब ले जाया जा रहा होगा तो ट्रकों और पिकअप गाड़ियों का निरीक्षण कर ट्रांसपोर्टरों और जिसका माल होगा, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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