सेब को अल्टरनेरिया रोग से बचाने के लिए अदाणी ने भेजे वैज्ञानिक
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में अल्टरनेरिया रोग के कारण सेब की फसल पर गहराए संकट के बीच अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड ने भी अपने वैज्ञानिक फील्ड में उतार दिए हैं। कंपनी के वैज्ञानिक रोग के कारणों की जांच कर बागवानों को बचाव के तरीके सुझाएंगें। अदाणी एग्रो फ्रेश हर साल हिमाचल में करोड़ों के सेब खरीदती है। अल्टरनेरिया रोग से इस सीजन में सेब की फसल को भारी नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है।
संकट के समय में बागवानों का साथ देने के लिए कंपनी ने सोमवार को ही टीमें गठित कर अपने विशेषज्ञों को बागवानों से संपर्क करने के लिए सेब बाहुल्य क्षेत्रों में भेजा है।कंपनी इसी हफ्ते से बागवानी विशेषज्ञों, मौसम विशेषज्ञों और सेब उत्पादक समूहों के साथ बैठकें और बगीचों में रोग का व्यापक क्षेत्र मूल्यांकन करेंगी। बीमारी का प्रभाव कम करने के लिए बागवानों को दवाओं का सुझाव दिया जाएगा। अदाणी एग्रो फ्रेश के पास वैज्ञानिकों का एक पैनल है जो फसल की उच्च गुणवत्ता के लिए सेब उत्पादक क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित करता है साथ ही मिट्टी की जांच की सुविधा भी बागवानों को उपलब्ध करवाता है।अदाणी अपनी लैब में वैज्ञानिकों से सेब की टेस्टिंग करवाता है।
डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की टीमों ने भी सेब उत्पादक क्षेत्रों रोहडू, कोटखाई, जुब्बल, चौपाल और ठियोग में बगीचों का निरीक्षण करने के बाद बीमारी के व्यापक प्रसार की आशंका जताई है। सेब के 95 फीसदी तक पौधों के अल्टरनेरिया रोग की चपेट में आने की संभावना व्यक्त की है। पत्तों में रोग लगने से सेब में भूरे और काले दाग पड़ रहे हैं और फल समय से पहले झड़ना शुरू हो गए हैं।अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड के प्रवक्ता ने बताया कि अल्टरनेरिया रोग से हिमाचल में सेब की फसल पर व्यापक असर पड़ा है। कंपनी सालों से हिमाचल में सेब खरीद रही है, हमारा दायित्व है कि संकट में हम बागवानों के साथ खड़े रहें। विशेषज्ञों की टीमें गठित कर फील्ड में भेज दी हैं। बागवानों का हर संभव सहयोग किया जाएगा।
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