लंबी लाइनों से मिलेगा छुटकारा
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के पांच टोल बैरियरों पर जल्द ही फास्टैग से प्रवेश शुल्क वसूला जाएगा। इस व्यवस्था के शुरू होने से बाहरी राज्यों के नंबर वाले वाहनों को नकद राशि देने के लिए लंबी लाइनों में लगने से छुटकारा मिल जाएगा। बिलासपुर, परवाणू, सिरमौर, नूरपुर और ऊना में स्थित टोल बैरियरों से इसकी शुरुआत की जा रही है।पहले चरण में फोरलेन से जुड़े टोल बैरियरों पर व्यवस्था लागू होगी। शेष में कुछ समय बाद फास्टैग से प्रवेश शुल्क वसूला जाएगा। राज्य आबकारी विभाग के इस प्रस्ताव को लेकर इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन ने टेंडर जारी कर दिए हैं।
15 अगस्त तक नई व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। हिमाचल प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के पंजीकरण नंबर वाले वाहनों को सुव्यवस्थित भुगतान प्रक्रियाओं का लाभ देने के लिए इस व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है। इससे नकद लेनदेन के लिए कतार में लगने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। यह कदम हिमाचल प्रदेश के परिवहन प्रबंधन में डिजिटल प्रगति को अपनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने के लिए उठाया जा रहा है। इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण जंक्शनों पर यातायात प्रवाह को अनुकूलित करते हुए यात्रियों के लिए सुविधा बढ़ाना है।अभी टोल प्लाजा पर फास्टैग के माध्यम से शुल्क लिया जाता है।
टोल बैरियरों पर नकद भुगतान की ही व्यवस्था है। इस कारण बैरियरों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने पुरानी व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला लिया है। फास्टैग की व्यवस्था करने के लिए आने वाले खर्च को टोल बैरियर संचालक उठाएंगे। प्रदेश के तहत 55 टोल बैरियर आते हैं। पहले चरण में फोरलेन से जुड़े पांच बैरियरों पर फास्टैग से प्रवेश शुल्क वसूली करने का फैसला लिया गया है। योजना की सफलता के बाद अन्य बैरियरों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। टोल बैरियरों पर विभिन्न श्रेणियों के वाहनों से लिया जाने वाला प्रवेश शुल्क 24 घंटे के लिए मान्य होता है। निजी वाहन चालकों से 60 रुपये शुल्क लिया जाता है। अन्य वाहनों का उनकी उपयोगिता के हिसाब से शुल्क तय किया गया है।
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