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हिमाचल प्रदेश में मानसून पड़ा कमजोर

                                           हिमाचल में अब तक 40 फीसदी कम बरसा मानसून

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ गया है। अब तक मानसून सामान्य से 40 फीसदी कम बरसा है। 27 जून से 24 जुलाई तक प्रदेश में 293 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है, लेकिन इस अवधि में 177 मिलीमीटर बारिश ही दर्ज हुई है। प्रदेश के सभी जिलों में सामान्य से कम बारिश होने के चलते कई क्षेत्रों में सूखे जैसे हालात बन गए हैं। मैदानी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में नदी-नाले सूखने लगे हैं।

 बावड़ियों में भी पानी की मात्रा कम हो गई है। जल शक्ति विभाग को भी पीने के पानी की चिंता सताने लगी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार मानसून कुछ दिन सक्रिय होने के बाद अब कमजोर पड़ गया है। इस कारण पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में मानसून के सक्रिय होने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में बीते एक माह के दौरान लाहौल-स्पीति में सामान्य से सबसे कम 76, सिरमौर में 59, किन्नौर में 52, ऊना में 50 और चंबा में 49 फीसदी बारिश दर्ज हुई। बिलासपुर में सामान्य से 33, हमीरपुर में 40, कांगड़ा में 15, कुल्लू में 36, मंडी में 23, शिमला में 25 और सोलन में 44 फीसदी कम बारिश हुई।उधर, जुलाई में प्रदेश भरे में सामान्य से 32 फीसदी कम बादल बरसे हैं। सिर्फ जिला कांगड़ा में सामान्य से 6 फीसदी अधिक बारिश हुई। अन्य 11 जिलों में सामान्य से कम बादल ही बरसे। 1 से 24 जुलाई तक प्रदेश में 131 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई। इस अवधि में 192 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है।

प्रदेश में 27 जून को मानसून ने प्रवेश किया था। बीते करीब एक माह के दौरान सिर्फ दो से तीन बार ही प्रदेश में अच्छी बारिश हुई। अधिकांश क्षेत्रों में अभी तक मानसून पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है। मैदानी जिलों में बारिश कम होने के चलते मौसम में उमस बढ़ गई है। नदी-नालों का जलस्तर भी कम हो गया है। हमीरपुर जिला के कुछ क्षेत्रों में इस बार सिर्फ बूंदाबांदी ही हुई है। खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने के चलते फसलों के भी खराब होने का खतरा बन गया है।हिमाचल प्रदेश में वीरवार और शुक्रवार को हल्की बारिश के आसार हैं। 27 से 30 जुलाई तक कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली रही। ऊना में अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बारिश न होने के चलते मैदानी जिलों में उमस बढ़ गई है। मैदानी जिलों के न्यूनतम तापमान में भी बीते कुछ दिनों से बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

पिछले दिनों हुई बारिश के कारण प्रदेश में अभी भी 15 सड़कें और 62 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं।उधर, चंबा के बनीखेत परिक्षेत्र के तहत आती नगाली पंचायत मजधार गांव में मंगलवार मध्यरात्रि अंधड़ से एक मकान और एक गोशाला की छत उड़ गई। बुधवार सुबह सात बजे चंबा-तलेरू मार्ग पर छौ के समीप नाले का जल स्तर बढ़ने से वाहनों की रफ्तार डेढ़ घंटा थमी रही। मंगलवार रात को शिमला में न्यूनतम तापमान 17.6, कल्पा में 16.2, धर्मशाला में 20.5, ऊना में 25.6, नाहन में 24.5, सोलन में 21.4, मनाली में 20.6, कांगड़ा में 24.7, मंडी में 25.1, बिलासपुर में 26.0, हमीरपुर में 26.5, चंबा में 24.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। वहीं अधिकतम तापमान में ऊना में 36.4, बिलासपुर में 34.2, चंबा में 34.0, हमीरपुर में 33.7, मंडी में 33.2, कांगड़ा में 33.0, सोलन में 29.5, नाहन में 29.4, धर्मशाला में 28.0, मनाली में 27.8 और शिमला में 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा।





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