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कृषि विश्वविद्यालय की प्रभावित होने वाली स्थित को लेकर शान्ता कुमार जी से मिले पूर्व विधायक प्रवीन कुमार

  पूर्व विधायक ने भी श्री शान्ता कुमार जी से आग्रह किया कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर आपका लगाया हुआ पौधा 

पालमपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

टूरिजम विलेज के विरोध को लेकर कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपति परिसर से कुलाधिपति के राज भवन तक उठी आवाज को गम्भीरता से लेते हुए आज पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने दिग्गज भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमन्त्री श्री शान्ता कुमार जी से मुलाकात की । पूर्व विधायक ने भी श्री शान्ता कुमार जी से आग्रह किया कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर आपका लगाया हुआ पौधा है। 

इसे इस तरह के निर्णयों के दृष्टि गत उजडने से बचाया जाए । पूर्व विधायक ने श्री शान्ता कुमार जी से बतौर सांसद आपने ही इस कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने की जमकर पैरवी की है। उसके उपरान्त ही भारत सरकार ने इस कृषि विश्वविद्यालय की पदोन्नति पर लम्बा चोडा अध्ययन करवाया । परिणामस्वरूप इसी कृषि विश्वविद्यालय के दो दो उप कुलपतियों ने भारत सरकार की सेवा में विस्तृत रिपोर्ट प्रेषित की । कुल मिलाकर सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही यह विश्वविद्यालय भारतवर्ष के गिने चुने कृषि विश्वविद्यालयों के मानकों में सर्वश्रेष्ठ एवं अग्रणी विश्वविद्यालय की श्रेणी में शामिल हैं। ऐसे में निकट भविष्य में इस विश्वविद्यालय की केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने की प्रबल सम्भावना है। पूर्व विधायक ने पूर्व मुख्यमन्त्री से कहा अगर इस विश्वविद्यालय की लगभग 112 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग के नाम हस्तांतरित हो गई तो इसकी केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनने की सम्भावनाएँ क्षीण हो जाएगी । 

पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि जमीन यह कहकर कर ली जा रही है कि यह बेकार पड़ी है । यह सरासर गलत एवं झूठ है । यह जमीन काफी उपजाऊ एवं विकसित की गयी है और उस पर प्राकृतिक फार्म, गोशाला, कई छोट बड़े भवन, कार्यशाला, बीज उत्पादन यूनिट, चाय बागवान आदि कई करोड़ रुपये खर्च कर के स्थापित किया गया है । इस पर विभिन्न प्रकार के शोध कार्य हो रहे है । पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के साथ, स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट छात्रों का प्रवेश साल दर साल बढ़ रहा है और मौजूदा प्रायोगिक क्षेत्र विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्र प्रयोगों के लिए कम पड़ रहा है।  छात्रों के क्षेत्र प्रयोग की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने और विश्वविद्यालय की डेयरी फार्मिंग को बनाए रखने के लिए प्रस्तावित क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान महाविद्यालय की मान्यता के लिए न्यूनतम आवश्यकता के अनुसार, सुअर पालन और बकरी फार्म शुरू करने के लिए शीघ्र ही नया बुनियादी ढांचा जोड़ा जाना है।  इसके अलावा, नई शिक्षा नीति के तहत नए कॉलेज और नए कार्यक्रम शुरू किए जाने हैं ।






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