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कानूनगो ने स्टेट कैडर और दूसरी मांगों को लेकर ऑनलाइन काम किया बंद

                     पटवारी, कानूनगो आंदोलन की तैयारी में, सरकार बुला सकती है सेवानिवृत्त कर्मी

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो ने स्टेट कैडर और दूसरी मांगों को लेकर ऑनलाइन काम बंद कर दिया है। इससे प्रदेश के जनता रोजाना परेशान हो रही है। अब संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार 25 जुलाई को होने वाली कैबिनेट की बैठक में स्टेट कैडर का निर्णय वापस नहीं लेती है तो पटवारी और कानूनगो अतिरिक्त कार्यभार देख रहे सर्किल की चाबियां तहसीलदार को सौंप देंगे।

 उधर, लोगों के काम प्रभावित न हो इसके चलते सरकार सेवानिवृत्त पटवारियों और कानूनगो की सेवाएं लेने का विकल्प तलाश रही है।सरकार की ओर से कर्मचारियों को ऑनलाइन काम सुचारू रखने की सलाह दी गई है। इसके बावजूद वे काम नहीं कर रहे हैं। पटवारी, कानूनगो महासंघ की बुधवार को वर्चुअल बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी ने की। इसमें जिलाध्यक्ष और महासचिव, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य शामिल भी हुए। बैठक में पटवारी, कानूनगो के राज्य कैडर और राज्य स्तर  की तबादला नीति का विरोध किया गया।प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया कि यदि प्रदेश सरकार 25 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में स्टेट कैडर और  तबादला नीति वाले निर्णय, पटवारखानों में कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन और प्रिंटर की सुविधा नहीं देती तो पटवारी-कानूनगो महासंघ कठोर संघर्ष करने पर विवश हो जाएगा।

अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे पटवारी-कानूनगो चाबियां 25 जुलाई को ही तहसीलदार और अपने संबंधित उच्च अधिकारी को सौंप देंगे।बिना मांगें सरकार ने जबरदस्ती 250 रुपये मोबाइल भत्ता दिया है उसे भी वापस करने के बारे में उपायुक्त को ज्ञापन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि सरकार महासंघ की मांगो पर निर्णय नहीं करती है तो समस्त पटवारी और कानूनगो आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश पटवार कानूनगो महासंघ का मकसद जनता के शत प्रतिशत काम को प्रभावित करना नहीं है,बल्कि सरकार को अवगत करवाना है कि राजस्व विभाग में बिना धरातल पर संसाधन के काम कैसे चल रहा है।पटवारी-कानूनगो स्टेट काडर के लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे लोगों को राजस्व कार्य संबंधित समस्या आ रही है। अगर ये काम पर नहीं लौटते हैं कि सरकार के पास सेवानिवृत्त पटवारी, कानूनगो की सेवाएं लेने का विकल्प भी है।






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