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मई, जून में बारिश कम रहने से सेब के साइज पर पड़ा असर

                                              सेब की अर्ली वैरायटी में रंग चोखा, साइज दे गया धोखा

कुल्लू,ब्यूरो रिपोर्ट 

जिले में जहां इन दिनों नाशपाती का सीजन पीक पर है वहीं सेब की अर्ली वैरायटी में रंग आना शुरू हो गया है। सेब की अर्ली वैरायटी के पेड़ों में फुल कलर नजर आ रहा है लेकिन मुश्किल से सेब का साइज एक्सट्रा स्मॉल और स्मॉल ग्रेड के दाने के बराबर है। मई और जून में कम बारिश होने के चलते सेब के साइज पर असर पड़ा है। 

बारिश समय पर होने से साइज मीडियम के दाने के बराबर पहुंच जाता था। जुलाई से सेब की अर्ली वैरायटी का तुड़ान शुरू हो जाएगा। ऐसे में बागवान चिंतित हैं कि उन्हें साइज न बनने के चलते इस बार घाटा उठाना पड़ेगा। सेब का साइज सही न होने के कारण सेबों की पेटियां अधिक निकलती हैं। बड़े साइज का सेब क्रेट में कम आता है, जबकि छोटा सेब अधिक आता है। वहीं मंडियों में व्यापारियों में भी सेब की लार्ज व एक्सट्रा लार्ज और मीडियम की डिमांड अधिक होती है। बागवान केशव राम, चरन दास, ओम प्रकाश, ऐले राम और दिले राम ठाकुर ने कहा कि सेब की अर्ली वैरायटी के पेड़ों में रंग आ गया है। सेब लगभग तैयार है, लेकिन साइज न होना बागवानों के लिए परेशानी का कारण है। 

नाशपाती और प्लम के इस साल बागवानों को अच्छे दाम मिले हैं। रॉयल सेब के लिए अभी काफी समय है, अगर बारिश का क्रम ठीक रहता है तो सेब का साइज अभी भी बेहतर बनेगा। भुंतर सब्जी मंडी आढ़ती यूनियन के अध्यक्ष मानस कुमार सूद ने कहा कि बागवानों को मंडियों में अच्छी गुणवत्ता और बढ़िया साइज वाले सेब के बेहतर दाम मिलते हैं।बागवानों को सेब के बेहतर दाम मिले सकें, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सेब सीजन के दौरान बागवानों को पेश आने वाली समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।






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