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ओटीए भर्ती के परीक्षा परिणाम पर सरकारी पेंच

                                            यह परिणाम सरकारी औपचारिकताओं में उलझ गया

हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) पोस्ट कोड 1073 के 162 पदों की लिखित परीक्षा के परिणाम सरकारी पेंच फंस गया है। यह परिणाम सरकारी औपचारिकताओं में उलझ गया है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग का ट्रेजरी कोड अभी तक सृजित नहीं हो सका है। इस वजह से इस परीक्षा का आयोजन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी एडसिल को भुगतान नहीं हो पा रहा है।

 35 लाख के इस भुगतान के बाद एजेंसी की तरफ से आयोग को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा।30 मार्च को इस परीक्षा का आयोजन किया गया है लेकिन अभी तक परिणाम घोषित नहीं किया गया है।दरअसल,अभी तक हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में भंग किए गए कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारी और अन्य विभाग से अटैच किए गए अधिकारी अतिरिक्त कार्यभार संभाल कर सेवाएं दे रहे हैं। प्रदेश सरकार के कोष विभाग से किसी भी विभाग को फंड जारी करने के लिए विभाग अथवा सरकारी संस्था का ट्रेजरी कोड सृजित किया जाता है। उस संस्था के एक कर्मचारी को इस कोड को संचालित करने के लिए नामित किया जाता है। बाकायदा आईडी और पासवर्ड कर्मचारी के बनाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में यह औपचारिकताएं पूरा किया जाना बाकी है।सबसे पहले राज्य चयन आयोग में पदों को सृजित कर भंग आयोग के कर्मचारियों को इसमें नामित किया जाएगा। इसके बाद कोष से फंड रिलीज होंगे। इस औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही ओटीए भर्ती की लिखित परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी को 35 लाख से अधिक की रकम दी जा सकेगी। 

हालांकि राज्य चयन आयोग में पद सृजित करने व भंग आयोग को इसमें नामित करने का अधिकार कैबिनेट के पास है। कैबिनेट बैठक में ही इस प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के मुख्य प्रशासक आरके पुरूथी ने कहा कि औपचारिकताओं को जल्द पूरा कर लिया जाएगा। पिछली बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई है।ओटीए की भर्ती की लिखित परीक्षा का परिणाम आउटसोर्स एजेंसी की ओर से घोषित किया जाएगा लेकिन अंतिम परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से ही जारी किया जाएगा। आयोग लिखित परीक्षा के परिणाम के आधार पर दस्तावेजों के मूल्यांकन के लिए अभ्यर्थियों को सूचित करेगा और इसके बाद यह प्रक्रिया पूरी होगी।दरअसल पिछले दिनों भंग कर्मचारी चयन आयोग के कर्मचारियों का वेतन भी अटक गया। समस्या के समाधान के लिए भंग आयोग के खाते में फंड रिलीज कर कर्मचारियों को वेतन जारी किया गया है। हालांकि अब सरकार इस समस्या के समाधान के लिए कैबिनेट में बची हुई प्रक्रिया को पूरा करने का निर्णय ले चुकी है।






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