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हिमाचल सरकार को केंद्रीय बजट से कई उम्मीदें

                                                    राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित हो भानुपल्ली रेललाइन

बिलासपुर,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल सरकार केंद्रीय बजट से कई उम्मीदें लगाए बैठी है। सरकार ने पहाड़ी राज्यों के लिए विशेष ग्रांट देने का मामला उठाते हुए जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों की हां में हां मिलाई है। पिछली बरसात में आपदा से जूझे हिमाचल के लिए विशेष अनुदान राशि जारी करने का आग्रह किया है।  केंद्र से आईं टीमों के 3,000 करोड़ रुपये के नुकसान के आकलन के बावजूद केंद्र से राहत राशि नहीं मिली है। यह राशि बजट में जारी करने का अनुरोध किया गया है।

हिमाचल ने सड़क, हवाई और रेलवे कनेक्टिविटी के लिए भी विशेष मदद मांगी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हिमाचल ने विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए 10 हजार करोड़ का बजट मांगा है। हाल ही में दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय प्री-बजट बैठक में भी सरकार ऐसे तमाम मसलों को उठा चुकी है। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार और सीएम के सचिव राकेश कंवर भी नई दिल्ली में वित्त मंत्रालय के समक्ष हिमाचल का पक्ष रख चुके हैं। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार रामसुभग सिंह ने विशेष रूप से मसौदा तैयार कर दिया है।वह खुद दिल्ली भी जा चुके हैं। केंद्रीय बजट में क्या-क्या योजनाएं हिमाचल से संबंधित शामिल हो सकती हैं, इसके मद्देनजर भी केंद्र को लिखित प्रस्ताव दिया गया है। इसमें राज्य में उद्योगों के लिए विशेष मदद जारी करने की मांग की गई है। पर्यटन से संबंधित विभिन्न योजनाओं के लिए भी उदार वित्तीय अनुदान मांगा गया है। 

कामकाज प्रभावित होने का हवाला देकर केंद्र के समक्ष बाह्य वित्तपोषित योजनाओं के लिए लगाई सीलिंग हटाने का मामला भी उठाया है। इसमें तीन साल में 3,000 करोड़ का कर्ज लेने की ही बंदिश लगाई गई हैं। एनजीटी के आदेश पर नदी किनारे बसे शहरों के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने को 500 करोड़ रुपये जारी करने का आग्रह किया है।हिमाचल ने भानुपल्ली-लेह रेललाइन को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की मांग उठाई है। चीन सीमा तक यह रेललाइन पहुंचेगी, इसलिए इसका खर्च केंद्र को उठाना चाहिए। केंद्र से एनएच के लिए पर्याप्त मदद और रोप-वे प्रोजेक्टों को पीएमजीएसवाई में शामिल करने की भी मांग उठाई गई है। प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए विद्युत चलित बसों की खरीद के लिए नाबार्ड से ऋण मंजूरी का मामला भी उठाया है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए 3,500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की गई है।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट से प्रदेश में चल रही और प्रस्तावित रेल योजनाओं को काफी उम्मीदें हैं। सांसद अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट ऊना-हमीरपुर रेल लाइन को बजट में तरजीह मिल सकती है। ऊना से हमीरपुर तक नई रेल लाइन की लंबाई 41 किलोमीटर होगी।इस रेल लाइन की 3,361 करोड़ की डीपीआर तैयार कर ली है। डीपीआर के सरकार के विचाराधीन है। हमीरपुर-ऊना रेल लाइन को कागजों में बनाए रखने के लिए लगातार तीसरे साल से मात्र 1,000 रुपये ही मिल रहे हैं। लेकिन इस बार इस योजना को बजट मिल सकता है। वहीं सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण बिलासपुर-मनाली-लेह रेल लाइन योजना को भी बजट मिल सकता है।यह योजना भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के क्षेत्र से संबंधित है। परियोजना की डीपीआर तैयार है। इस पर करीब एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस रेल लाइन का निर्माण चार खंड होगा। पहला खंड बैरी से मंडी, दूसरा मंडी से मनाली, तीसरा मनाली से उपशी और चौथा उपशी से लेह तक का होगा। फिलहाल मंडी या मनाली तक के निर्माण को बजट मिल सकता है।




 

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