ठगने के नए-नए हथकंडे अपना रहे
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए आए दिन नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। शातिरों के निशाने पर गृहिणियां हैं। ये अपराधी व्हाट्सएप कॉल कर महिलाओं को ठगने का काम कर रहे हैं। साइबर थानों में ऐसी शिकायतें आ रही हैं। जनवरी से लेकर जून माह तक प्रदेशभर में साइबर अपराध की करीब 275 शिकायतें आई हैं।
पुलिस अधिकारी का फोटो लगाकर शातिर अपने आप को डीएसपी और एचएचओ बताते हैं। ये महिलाओं व उनके परिजनों को कहते हैं कि उनका बेटा या पति उनके कब्जे में है। उसे मारपीट या फिर चिट्टे के साथ पकड़ा गया है। बेटे को जेल में डाल दिया गया है, अगर छुड़ाना चाहते हैं तो इसके बदले में उन्हें रुपये देने होंगे। कई महिलाओं के बेटे हिमाचल से बाहर नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं। कई लोग शातिरों को पैसे दे देते हैं। जब परिजन रिश्तेदारों और बेटों से बात करते हैं तब जाकर उन्हें ठगी का पता चलता है। पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी की है कि अगर कोई ऐसा फोन आए तो उठाए नहीं। बार बार कॉल आने पर पुलिस को सूचित करें।हाल ही में घुमारवीं थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने पूछा कि नेहा (काल्पनिक नाम) बात कर रही हो।
जवाब में हां मिलते ही शातिर ने कहा कि तुम्हारा पति दुष्कर्म के मामले में पकड़ा गया है। यदि तुम भी अपने पति को बचाना चाहती हो तो जल्दी से पैसे भेजो। बड़े साहब आने वाले हैं। उनके आने से पहले 50 हजार रुपये भेजोगी तो काम बन जाएगा। नहीं तो पति हवालात में बंद कर दिया जाएगा।यहां पर मीडिया भी पहुंच गई है। यदि मीडिया के सामने बात आ गई तो पति को नहीं छोड़ पाएंगे। साथ ही पति का मोबाइल नंबर ट्रैकिंग पर है। उस पर कॉल मत करना। बस जल्दी से पैसे भेजो। पति के जेल जाने की बात सुनते ही महिला डर गई। महिला ने अपने खाते से कॉल करने वाले व्यक्ति की ओर से बताए गए अकाउंट नंबर में 40 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। थोड़ी देर बाद महिला ने पति को कॉल किया तो उसने बताया की वह ड्यूटी पर है। महिला ने सारी बात पति को बताई। तब अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हुई है।
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